महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने मंगलवार को कहा कि उनके नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) को राज्य के अधिकांश विधायकों के साथ-साथ जिला अध्यक्षों का भी समर्थन प्राप्त है. निर्वाचन आयोग द्वारा उनके नेतृत्व वाले गुट को असली राकांपा घोषित किए जाने और पार्टी का चिन्ह आवंटित करने के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पवार ने कहा, “लोकतंत्र में, बहुमत मायने रखता है, यही कारण है कि निर्वाचन आयोग ने हमें पार्टी का नाम और चिन्ह आवंटित किया है.”
उन्होंने कहा, ''50 विधायक हमारे (राकांपा) साथ हैं. साथ ही, राज्य के अधिकांश जिला अध्यक्ष, पार्टी प्रकोष्ठों के प्रमुख भी हमारा समर्थन कर रहे हैं.'' पवार ने कहा कि वह निर्वाचन आयोग के फैसले को पूरी विनम्रता के साथ स्वीकार करते हैं. निर्वाचन आयोग के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देने के शरद पवार के नेतृत्व वाले राकांपा के प्रतिद्वंद्वी गुट के दावे पर अजित ने कहा कि हर किसी को ऐसा करने का अधिकार है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि आयोग का फैसला तथ्यों और बहुमत पर आधारित है.
वहीं राकांपा (शरद पवार) गुट की सांसद सुप्रिया सुले ने आयोग के फैसले को 'अदृश्य ताकत की जीत' और महाराष्ट्र व मराठी लोगों के खिलाफ एक साजिश करार दिया. राकांपा के संस्थापक शरद पवार की बेटी सुले ने नयी दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, “ईसीआई का फैसला अदृश्य ताकत की जीत है. यह महाराष्ट्र और मराठी लोगों के खिलाफ एक बड़ी साजिश है. हालांकि, मैं इस फैसले से बिल्कुल भी आश्चर्यचकित नहीं हूं.”
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