शरद पवार ने NCP अध्यक्ष पद से दिया अपना इस्तीफा वापस ले लिया. उन्होंने शुक्रवार को मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी घोषणा की. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में शरद पवार के साथ कई वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे, लेकिन भतीजे अजित पवार की गैरमौजूदगी ने एक बार फिर कई सवाल खड़े कर दिए. कॉन्फ्रेंस के दौरान शरद पवार ने पत्रकारों से अपना इस्तीफा वापस लेने की वजह बताते हुए कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता उनपर इस्तीफा वापस लेने का लगातार दबाव बना रहे थे. उन्होंने ये फैसला उनके दबाव की वजह से ही लिया है. इस दौरान शरद पवार ने पार्टी की भविष्य की योजनाओं पर भी बात की. उन्होंने कहा कि पार्टी में आने वाले समय में कुछ बड़े बदलाव करने की जरूरत है. हमें नए लीडर बनाने पर काम करना होगा साथ ही नए लोगों को बड़ी जिम्मेदारियां भी देनी होगी.
"सभी का मौजूद रहना जरूरी नहीं था"
प्रेस कांफ्रेंस में अजित पवार के ना होने को लेकर पूछ गए सवाल पर शरद पवार ने कहा कि ये अनिवार्य नहीं था कि पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद ही रहें. ऐसे कई हैं जो यहां अभी मौजूद नहीं हैं लेकिन वो सुबह कमेटी की बैठक में मौजूद थे. इसके बाद सभी ने एक साथ आकर मुझे बताया था कि वो मेरे साथ हैं और वो सब ये चाहते हैं कि मैं अपने फैसले को वापस लूं.
"कोई जाना चाहता है तो जाए पर..."
शरद पवार ने आगे कहा कि मैं इस बात से सहमत हूं कि मुझे अपने इस्तीफे की घोषणा से पहले पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं से बात करनी चाहिए थी. लेकिन अगर मैं ऐसा करता तो वो इसके लिए तैयार नहीं होते. उन्होंने पार्टी नेताओं द्वारा पार्टी छोड़ने की अफवाहों को लेकर भी बयान दिया. पवार ने कहा कि अगर कोई पार्टी छोड़कर जाना चाहता है तो उसे कोई रोक नहीं सकता है. लेकिन हमारी पार्टी से कोई जाना चाहता है इस बात में कोई सच्चाई नहीं है.
"नए लोगों को देंगे नई जिम्मेदारी"
शरद पवार ने आगे कहा कि मैंने पार्टी के नेताओं से बात की है और उन्हें बताया है कि आने वाले दिनों में मैं पार्टी के अंदर कई नए लोगों को नई जिम्मेदारियां देने की सोच रहा हूं. जो लो जिला स्तर पर पार्टी के लिए काम कर रहे हैं उन्हें राज्य के स्तर पर जिम्मेदारियां दी जाएंगी. जो लोग बीते कई सालों से राज्य के अस्तर पर काम कर रहे हैं उन्हें पार्टी के लिए राष्ट्रीय स्तर पर काम करने का मौका दिया जाएगा.
"महाविकास अघाड़ी पर नहीं पड़ेगा असर"
उन्होंने कहा कि मेरे फैसलों का महाविकास अघाड़ी गठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा. हम सब एक साथ हैं. शरद पवार ने कहा कि दो और खास बाते हैं. पहला तो ये कि अजित पवार को लग गया था कि मैं इस्तीफा देने वाला हूं, इसलिए उन्होंने मेरे फैसले का समर्थन किया. पार्टी के अंदर हुई चर्चा के दौरान कई नेताओं ने ये प्रस्ताव भी रखा कि सुप्रीया सुले को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जाए, लेकिन उन्होंने यह पद लेने से मना कर दिया.
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