दिल्ली में लोगों ने सरकार के बैन के बावजूद जमकर पटाखे फोड़े, जिस वजह से शहर की आबोहवा में जहर घुल गया. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने पिछले हफ्ते कहा था कि दिवाली पर राष्ट्रीय राजधानी में पटाखे फोड़ने पर छह महीने तक की जेल और 200 रुपये का जुर्माना लगेगा. लेकिन इसके बावजूद जगह-जगह कानूनी प्रतिबंध की धज्जियां उड़ती देखी गई. दक्षिण और उत्तर-पश्चिम दिल्ली सहित शहर के कई हिस्सों में लोगों ने शाम होते ही पटाखे फोड़ने शुरू दिए. साथ ही बीती रात दिल्ली फायर सर्विस को आग लगने की 201 कॉल मिली. साल 2021 में 160 कॉल मिली थीं. पटाखों पर प्रतिबंध के बाद भी जमकर पटाखे फोड़े गए, जिसकी वजह से आग लगने की घटनाओं में बढ़ोत्री हुई.
दिवाली पर पटाखे फोड़ने की एक सदियों पुरानी परंपरा है, लेकिन दिल्ली में अधिकारियों ने कहा कि इसे प्रतिबंधित करने का निर्णय पर्यावरण संबंधी चिंताओं और इससे जुड़े स्वास्थ्य खतरों पर विचार करने के बाद लिया गया था. लेकिन शाम होते ही पूरे आसमान में तेज पटाखों की आवाजें सुनाई दे रही थी. पराली जलाने, पटाखे फोड़ने से प्रतिकूल मौसम संबंधी परिस्थितियों के बीच दिल्ली की वायु गुणवत्ता सोमवार को "बहुत खराब" हो गई. हालांकि, 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 312 अभी भी सात साल में दिवाली के लिए दूसरा सबसे अच्छा था. शहर ने 2018 में दिवाली पर 281 का एक्यूआई दर्ज किया.
प्रतिबंध के बावजूद शाम करीब छह बजे से लोगों ने विभिन्न इलाकों में बिना किसी रोक-टोक के पटाखे फोड़े. दक्षिण दिल्ली के ईस्ट ऑफ कैलाश, और पड़ोसी स्थानों जैसे नेहरू प्लेस और मूलचंद में, शाम के समय हवा के बीच में बंद पटाखों की आवाज सुनी जा सकती थी. कई लोगों ने पटाखों से निकलने वाले धुएं से त्वचा में खुजली और आंखों में जलन की शिकायत की. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री राय ने पहले कहा था कि शहर में पटाखों के उत्पादन, भंडारण और बिक्री पर 5,000 रुपये तक का जुर्माना और विस्फोटक अधिनियम की धारा 9बी के तहत तीन साल की जेल हो सकती है. प्रतिबंध को लागू करने के लिए कुल 408 टीमों का गठन किया गया था.
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दिल्ली पुलिस ने सहायक पुलिस आयुक्तों के तहत 210 टीमों का गठन किया, जबकि राजस्व विभाग ने 165 टीमों और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने 33 टीमों का गठन किया. पड़ोसी शहरों गुरुग्राम और फरीदाबाद में भी कई लोगों ने पटाखे फोड़े. गाजियाबाद (301), नोएडा (303), ग्रेटर नोएडा (270), गुरुग्राम (325) और फरीदाबाद (256) में हवा की गुणवत्ता सोमवार को 'खराब से बहुत खराब' श्रेणी में दर्ज की गई. शून्य और 50 के बीच एक्यूआई को "अच्छा", 51 और 100 "संतोषजनक", 101 और 200 "मध्यम", 201 और 300 "खराब", 301 और 400 "बहुत खराब", और 401 और 500 "गंभीर" माना जाता है.
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