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बेटे पर लगे आरोपों का दर्द... अहमदाबाद एयर इंडिया प्लेन क्रैश मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंचे सुमित सबरवाल के पिता

अहमदाबाद विमान हादसे को लेकर कई ऐसे बातें सामने आई थीं, जिसमें पायलट द्वारा फ्यूल स्विच ऑफ करने का दावा किया गया था. इस पर गंभीर सवाल उठे हैं.

बेटे पर लगे आरोपों का दर्द... अहमदाबाद एयर इंडिया प्लेन क्रैश मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंचे सुमित सबरवाल के पिता
नई दिल्ली:

अहमदाबाद एयर इंडिया AI 171 विमान क्रैश मामले में दिवंगत कैप्टन सबरवाल के पिता सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं. सबरवाल ने AI 171 प्लेन क्रैश की जांच के लिए न्यायिक निगरानी समिति के गठन की मांग की है. पी सबरवाल और फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स ने संयुक्त रूप से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. गौरतलब है कि जांच में शुरुआती तौर पर जो खुलासे हुए थे, उसमें ये संकेत दिया गया कि पायलट ने शायद फ्यूल स्विच ऑफ किया था. इसे एक मानवीय त्रुटि साबित करने का प्रयास किया गया.  

याचिका में भारत सरकार, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय और विमान दुर्घटना जाँच ब्यूरो (AAIB) के महानिदेशक को प्रतिवादी बनाया गया है. याचिकाकर्ताओं ने दलील दी कि AAIB की रिपोर्ट बेहद दोषपूर्ण है. उन्होंने कहा कि जांच दल ने मुख्य रूप से मृत पायलटों पर ध्यान केंद्रित किया था, जो अब अपना बचाव करने में असमर्थ हैं. जबकि दुर्घटना के अधिक विश्वसनीय तकनीकी और प्रक्रियात्मक कारणों की जांच करने में भी विफल रहा है.

चालक दल के खिलाफ चुनिंदा खुलासे से मूल कारण का पता लगाने में बाधा आती है और भविष्य में उड़ान सुरक्षा को खतरा होता है, जिसके लिए एक निष्पक्ष न्यायिक दृष्टिकोण की आवश्यकता है. उन्होंने आरोप लगाया कि रिपोर्ट में विकृतियाँ और गंभीर विसंगतियाँ हैं, और इसमें विश्वसनीयता और पारदर्शिता का अभाव है.

दुर्घटना से पहले आपातकालीन जनरेटर, रैम एयर टर्बाइन (RAT) का इस्तेमाल किसी विद्युत या डिजिटल खराबी का प्रत्यक्ष संकेत है और रिपोर्ट के इस अनुमान का खंडन करता है कि पायलट की गतिविधियों के कारण बिजली गुल हुई. फिर भी, जांच RAT की तैनाती और चालक दल की जानकारी के बीच समय-आधारित सह संबंध प्रदान करने में विफल रही है. 

इस संभावना को नजरअंदाज़ कर दिया गया है कि एवियोनिक्स, उड़ान नियंत्रण, पावर वितरण और सॉफ़्टवेयर को एकीकृत करने वाली कॉमन कोर सिस्टम (सीसीएस) में खराबी के कारण विफलताओं का यह क्रम शुरू हुआ हो.जांच की इस दिशा को नजरअंदाज करना पक्षपात और तकनीकी अपूर्णता को दर्शाता है.

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