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This Article is From Apr 05, 2023

किडनी की बीमारी से ग्रस्त बच्चे के इलाज के लिए AIIMS तत्काल इंजेक्शन आयात करे : दिल्ली हाईकोर्ट

बच्चे की मां ने शिकायत की थी कि ‘डेक्सेल’ नामक इंजेक्शन देश में उपलब्ध नहीं है जबकि उसके बेटे के इलाज के लिए इसकी तत्काल आवश्यकता है

किडनी की बीमारी से ग्रस्त बच्चे के इलाज के लिए AIIMS तत्काल इंजेक्शन आयात करे : दिल्ली हाईकोर्ट
हाईकोर्ट ने एम्स को निर्देश दिए हैं कि वह बच्चे के इलाज के लिए इंजेक्शन का आयात करने के लिए तत्काल कदम उठाए.
नई दिल्ली:

दिल्ली उच्च न्यायालय ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) से कहा है कि वह गुर्दे से संबंधित बीमारी से जूझ रहे चार वर्षीय एक बच्चे के इलाज में आवश्यक इंजेक्शन का तत्काल आयात करे. ‘हॉर्सशू किडनी' नामक बीमारी में जन्म से पहले गुर्दों के निचले सिरे आपस में जुड़े होते हैं और 'यू' आकार के बन जाते हैं.

यह आदेश अदालत के रजिस्ट्रार जनरल को मिले एक ईमेल के आधार पर दर्ज जनहित याचिका पर आया है. याचिका में बच्चे की मां ने शिकायत की थी कि ‘डेक्सेल' नामक इंजेक्शन देश में उपलब्ध नहीं है. महिला ने शिकायत में कहा कि उसके बेटे के इलाज के लिए इंजेक्शन की तत्काल आवश्यकता है.

याचिका में कहा गया है कि एम्स ने महिला को नंद नगरी में ईएसआईसी डिस्पेंसरी से इंजेक्शन लाने भेजा था क्योंकि बच्चे के पिता कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) योजना के लाभार्थी हैं. हालांकि, डिस्पेंसरी ने उन्हें यह कहते हुए एम्स वापस भेज दिया कि इंजेक्शन खरीदा नहीं जा सकता क्योंकि यह देश में उपलब्ध नहीं है.

ईएसआईसी ने अदालत को सूचित किया कि इंजेक्शन की खरीद से इनकार करने का एकमात्र कारण भारत में इसकी अनुपलब्धता थी. इसने अदालत को यह भी बताया कि भारतीय औषधि ग्रंथ (फार्माकोपिया) में इसका कोई विकल्प उपलब्ध नहीं है. ‘फार्माकोपिया' एक आधिकारिक प्रकाशन होता है, जिसमें दवाओं की सूची, उनके प्रभाव और उनके उपयोग के निर्देश दिए होते हैं.

ईएसआईसी के वकील ने मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सचिन दत्ता की पीठ से एम्स को इंजेक्शन खरीदने का निर्देश देने का आग्रह किया और कहा कि ईएसआईसी इसकी खरीद पर आने वाली पूरी लागत की प्रतिपूर्ति करेगा. एम्स के वकील ने इस प्रस्ताव पर सहमति जताई.

इसके बाद उच्च न्यायालय ने कहा, 'एम्स अस्पताल को निर्देश दिया जाता है कि वह बच्चे/रोगी के इलाज के लिए आवश्यक इंजेक्शन की खरीद/आयात करने के लिए तत्काल कदम उठाए और बिना किसी देरी के इंजेक्शन लगाए. एम्स अस्पताल इस संबंध में व्यय/शुल्क का विवरण संप्रेषित करेगा. ईएसआईसी एम्स अस्पताल को इसकी प्रतिपूर्ति करेगा.”

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