नई दिल्ली:
अहमदाबाद एयरपोर्ट पर पिछले कुछ समय में सोने की तस्करी में भारी बढ़ोतरी सामने आई है। वो भी तब जबकि सोने के दामों में रिकॉर्ड गिरावट दर्ज हुई है, ऐसे वक्त में सोने की तस्करी में बढ़ोतरी के आंकडे हैरान करने वाले हैं।
2012-13 में अहमदाबाद एयरपोर्ट पर सोने की तस्करी के मामलों में 5 किलो सोना ज़प्त किया गया था, ये 2012-13 में बढकर 10 किलो हो गया। लेकिन 2013-14 में अचानक से ये बढ़कर 54 किलो हो गया और इस साल यानी 2015-16 के शुरुआत के तीन महिनों में ही ये आंकडा 28 किलो के पार हो गया है।
वैसे सोने की तस्करी का मुख्य केन्द्र अब भी मुंबई ही है जहां 2014 में 1000 किलो सोना पकड़ा गया था और 2015 में अब तक करीब 250 किलो सोना पकड़ा गया है।
कस्टम विभाग के सूत्र बताते हैं कि मुंबई में कस्टम की धौंस बढ़ने से तस्करों को शायद ये लगने लगा है कि अहमदाबाद को पश्चिम भारत का गेटवे बनाया जाए। क्योंकि यहां पकड़े गए लोगों से पता चला है कि वो यहां से देश के दूसरे हिस्सों में सोना पहुंचाने वाले थे। लेकिन अहमदाबाद एयरपोर्ट पर भी उतनी ही चौकसी से पकड़े जा रहे हैं।
सबसे चौंकाने वाली बात है तस्करी के नए-नए तरीके। कस्टम विभाग ने इस साल अब तक जो 25 मामले पकड़े हैं, उनमें सबसे ज्यादा मामले शरीर में छुपाए गए सोने के थे। कस्टम कमिश्नर केप्टन संजय गहलोत ने एनडीटीवी को बताया कि करीब 11 मामलों में तो सोना गुदामार्ग में छुपाया गया था और जिस मात्रा में सोना था वो सचमुच हैरान करने वाली बात थी।
इसके अलावा भी सोने की तस्करी हाईटेक हो रही है। कस्टम कमिश्नर के मुताबिक अब तस्कर सूटकेस में वायर के तौर पर भरकर सोना ला रहे हैं, इलेक्ट्रोनिक सामान के ट्रान्सफॉर्मर में भी सोना भर कर लाया जा रहा है। गहलोत के मुताबिक, एक मामले ने तो उनके विभाग को हैरान ही कर दिया, एक व्यक्ति दुबई से माइक्रोवेव ओवन लेकर आया। कस्टम अधिकारी को शक हुआ तो उसकी जांच की गई। माइक्रोवेव चालू करके देखा तो अन्दर लाइट जल गई, अन्दर प्लेट भी घूम रही थी, सब कुछ ठीक ठाक, लेकिन फिर भी कस्टम अधिकारी को संतोष नहीं हुआ तो उसमें पानी भी गरम करके देखा। बस तभी बात खुल गई क्योंकि उसमें पानी गरम नहीं हो रहा था। जिससे उसे खोलकर जांच करने से उसमें सोना निकला।
कस्टम अधिकारी कहते हैं कि तस्करी के ऐसे नए तरीकों के चलते उन्हें भी ज्यादा तैयारी रखनी पड़ती है। अब सवाल ये है कि सोने के दाम पिछले पांच सालों में सबसे कम हैं तो आखिर ये तस्करी हो क्यों रही है। जानकारों ने बताया कि, भारत में सोमवार को 24 केरेट 10 ग्राम सोने की कीमत 25,110 रुपये थी, जबकि दुबई में कींमत थी 23,000 रुपये। यानी सोने के 10 ग्राम पर 2000 रुपये का फायदा, अगर एक किलो सोना लाया जाए तो 2 लाख रुपये का फायदा। यही वजह है कि सोने की तस्करी एक आकर्षक काम है।
जानकार कहते हैं कि दामों में फर्क की मुख्य वजह है भारत में सोने पर भारी कस्टम ड्यूटी और वैट, जिसकी वजह से भारत में सोना बहुत महंगा बिक रहा है। और जब तक अंतरराष्ट्रीय बाज़ार के मुकाबले भारत में दामों में फर्क कम नहीं होगा, सोने की तस्करी को रोकना मुश्किल है।
2012-13 में अहमदाबाद एयरपोर्ट पर सोने की तस्करी के मामलों में 5 किलो सोना ज़प्त किया गया था, ये 2012-13 में बढकर 10 किलो हो गया। लेकिन 2013-14 में अचानक से ये बढ़कर 54 किलो हो गया और इस साल यानी 2015-16 के शुरुआत के तीन महिनों में ही ये आंकडा 28 किलो के पार हो गया है।
वैसे सोने की तस्करी का मुख्य केन्द्र अब भी मुंबई ही है जहां 2014 में 1000 किलो सोना पकड़ा गया था और 2015 में अब तक करीब 250 किलो सोना पकड़ा गया है।
कस्टम विभाग के सूत्र बताते हैं कि मुंबई में कस्टम की धौंस बढ़ने से तस्करों को शायद ये लगने लगा है कि अहमदाबाद को पश्चिम भारत का गेटवे बनाया जाए। क्योंकि यहां पकड़े गए लोगों से पता चला है कि वो यहां से देश के दूसरे हिस्सों में सोना पहुंचाने वाले थे। लेकिन अहमदाबाद एयरपोर्ट पर भी उतनी ही चौकसी से पकड़े जा रहे हैं।
सबसे चौंकाने वाली बात है तस्करी के नए-नए तरीके। कस्टम विभाग ने इस साल अब तक जो 25 मामले पकड़े हैं, उनमें सबसे ज्यादा मामले शरीर में छुपाए गए सोने के थे। कस्टम कमिश्नर केप्टन संजय गहलोत ने एनडीटीवी को बताया कि करीब 11 मामलों में तो सोना गुदामार्ग में छुपाया गया था और जिस मात्रा में सोना था वो सचमुच हैरान करने वाली बात थी।
इसके अलावा भी सोने की तस्करी हाईटेक हो रही है। कस्टम कमिश्नर के मुताबिक अब तस्कर सूटकेस में वायर के तौर पर भरकर सोना ला रहे हैं, इलेक्ट्रोनिक सामान के ट्रान्सफॉर्मर में भी सोना भर कर लाया जा रहा है। गहलोत के मुताबिक, एक मामले ने तो उनके विभाग को हैरान ही कर दिया, एक व्यक्ति दुबई से माइक्रोवेव ओवन लेकर आया। कस्टम अधिकारी को शक हुआ तो उसकी जांच की गई। माइक्रोवेव चालू करके देखा तो अन्दर लाइट जल गई, अन्दर प्लेट भी घूम रही थी, सब कुछ ठीक ठाक, लेकिन फिर भी कस्टम अधिकारी को संतोष नहीं हुआ तो उसमें पानी भी गरम करके देखा। बस तभी बात खुल गई क्योंकि उसमें पानी गरम नहीं हो रहा था। जिससे उसे खोलकर जांच करने से उसमें सोना निकला।
कस्टम अधिकारी कहते हैं कि तस्करी के ऐसे नए तरीकों के चलते उन्हें भी ज्यादा तैयारी रखनी पड़ती है। अब सवाल ये है कि सोने के दाम पिछले पांच सालों में सबसे कम हैं तो आखिर ये तस्करी हो क्यों रही है। जानकारों ने बताया कि, भारत में सोमवार को 24 केरेट 10 ग्राम सोने की कीमत 25,110 रुपये थी, जबकि दुबई में कींमत थी 23,000 रुपये। यानी सोने के 10 ग्राम पर 2000 रुपये का फायदा, अगर एक किलो सोना लाया जाए तो 2 लाख रुपये का फायदा। यही वजह है कि सोने की तस्करी एक आकर्षक काम है।
जानकार कहते हैं कि दामों में फर्क की मुख्य वजह है भारत में सोने पर भारी कस्टम ड्यूटी और वैट, जिसकी वजह से भारत में सोना बहुत महंगा बिक रहा है। और जब तक अंतरराष्ट्रीय बाज़ार के मुकाबले भारत में दामों में फर्क कम नहीं होगा, सोने की तस्करी को रोकना मुश्किल है।
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