हैदराबाद:
आईटी सेंटर के रूप में मशहूर होते जा रहे हैदराबाद को गुरुवार को एक नई पहचान मिलने जा रही है... सूत्रों ने पुष्टि की है कि गुरुवार को तेलंगाना की राजधानी पहुंच रहे अमेरिकी टेक्नोलॉजी कंपनी एप्पल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी टिम कुक यहां नए डिजिटल मैपिंग सेंटर की स्थापना की घोषणा करेंगे।
ऐसी ख़बरें हैं कि एप्पल के इस कदम से एक साल के भीतर 2,500 नई नौकरियां पैदा होंगी, और एप्पल एक बड़ा-सा कैम्पस भी स्थापित करेगा। सरकार के सूत्रों ने हालांकि कैम्पस की ख़बर से इंकार किया है, और उनका कहना है कि एप्पल एक स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (एसईज़ेड) के तहत बने सॉफ्टवेयर हब से ही सेंटर का कामकाज संचालित करेगी।
फिलहाल दिल्ली में हैं टिम कुक...
टिम कुक बुधवार को दिल्ली में हैं, और वह गुरुवार को तेलंगाना के सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री केटी रामाराव (केटीआर) के साथ मिलकर विस्तार से योजना की जानकारी देंगे। शीर्ष सरकारी सूत्रों के अनुसार, केटीआर के पिता तथा राज्य के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) के भी इस अवसर पर उपस्थित रहने की काफी संभावना है।
अमेरिका से बाहर एप्पल का पहला केंद्र होगा...
हैदराबाद में बनने वाला यह सेंटर कंपनी का अमेरिका से बाहर पहला केंद्र होगा। तेलंगाना के आईटी सचिव जयेश रंजन के अनुसार, यह सेंटर एप्पल का डिजिटल मैपिंग केंद्र होगा, जिसके सर्वर अमेरिका में होंगे, लेकिन सभी प्रकार की तकनीकी तथा सहयोग सेवाएं हैदराबाद से ही दी जाएंगी।
बुधवार को टिम कुक दिल्ली में एप्पल के शोरूमों का दौरा कर रहे हैं। भारत से लौटने से पहले वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे, जिनसे उनकी पिछली मुलाकात पिछले साल अमेरिका की सिलिकॉन वैली में हुई थी।
भारत ने हाल ही में एप्पल का वह प्रस्ताव खारिज कर दिया था, जिसमें री-फर्बिश्ड फोनों के आयात और बिक्री की बात कही गई थी। दरअसल, यह प्रस्ताव कीमत पर ज़्यादा ध्यान देने वालों ग्राहकों को लुभाने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा था।
टिम कुक की भारत यात्रा काफी महत्वपूर्ण...
चीन की यात्रा के बाद टिम कुक की भारत यात्रा काफी महत्वपूर्ण वक्त पर हो रही है, क्योंकि आईफोन की बिक्री में पहली बार आई गिरावट के बाद इस वक्त एप्पल नए बाज़ार तलाश कर रही है।
भारत यह जानने का इच्छुक है कि क्या एप्पल भारत में अपनी उत्पादन इकाइयां स्थापित करना चाहती है या नहीं, क्योंकि यदि ऐसा होता है तो वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम के लिए काफी मददगार होगा।
"भारत में भी निर्माण कर सकती है एप्पल..."
सरकार के एक सूत्र ने एक समाचार एजेंसी से कहा, "अगर वे (एप्पल) चीन के बाज़ार के लिए चीन में निर्माण कर सकते हैं, तो वे भारतीय बाज़ार के लिए भारत में भी निर्माण कर सकते हैं..."
महाराष्ट्र पहले ही एप्पल के लिए उत्पादनिर्माता के रूप में काम करने वाली फॉक्सकॉम टेक्नोलॉजी से बातचीत कर रहा है, ताकि वे महाराष्ट्र में आईफोन की उत्पादन इकाई स्थापित करें।
एप्पल की भारत में पहला रीटेल आउटलेट खोलने की योजना...
भारत में एप्पल अपना पहला रीटेल आउटलेट खोलने की योजना बना रहा है, क्योंकि यहां उनके पास सिर्फ दो फीसदी बाज़ार हिस्सेदारी है, जबकि इस साल के पहले तीन महीनों में उनकी बिक्री यहां 56 फीसदी बढ़ी है, जिसमें सबसे ज़्यादा योगदान आईफोन 5एस जैसे सस्ते फोनों का है।
पिछले साल भारतभर में 10 करोड़ स्मार्टफोन बिके हैं, और इस साल इसमें 25 फीसदी बढ़ोतरी की संभावना है, जिसकी बदौलत भारत दुनियाभर में सबसे तेज़ी से बढ़ते स्मार्टफोन बाज़ारों में शुमार हो गया है।
ऐसी ख़बरें हैं कि एप्पल के इस कदम से एक साल के भीतर 2,500 नई नौकरियां पैदा होंगी, और एप्पल एक बड़ा-सा कैम्पस भी स्थापित करेगा। सरकार के सूत्रों ने हालांकि कैम्पस की ख़बर से इंकार किया है, और उनका कहना है कि एप्पल एक स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (एसईज़ेड) के तहत बने सॉफ्टवेयर हब से ही सेंटर का कामकाज संचालित करेगी।
फिलहाल दिल्ली में हैं टिम कुक...
टिम कुक बुधवार को दिल्ली में हैं, और वह गुरुवार को तेलंगाना के सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री केटी रामाराव (केटीआर) के साथ मिलकर विस्तार से योजना की जानकारी देंगे। शीर्ष सरकारी सूत्रों के अनुसार, केटीआर के पिता तथा राज्य के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) के भी इस अवसर पर उपस्थित रहने की काफी संभावना है।
अमेरिका से बाहर एप्पल का पहला केंद्र होगा...
हैदराबाद में बनने वाला यह सेंटर कंपनी का अमेरिका से बाहर पहला केंद्र होगा। तेलंगाना के आईटी सचिव जयेश रंजन के अनुसार, यह सेंटर एप्पल का डिजिटल मैपिंग केंद्र होगा, जिसके सर्वर अमेरिका में होंगे, लेकिन सभी प्रकार की तकनीकी तथा सहयोग सेवाएं हैदराबाद से ही दी जाएंगी।
बुधवार को टिम कुक दिल्ली में एप्पल के शोरूमों का दौरा कर रहे हैं। भारत से लौटने से पहले वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे, जिनसे उनकी पिछली मुलाकात पिछले साल अमेरिका की सिलिकॉन वैली में हुई थी।
भारत ने हाल ही में एप्पल का वह प्रस्ताव खारिज कर दिया था, जिसमें री-फर्बिश्ड फोनों के आयात और बिक्री की बात कही गई थी। दरअसल, यह प्रस्ताव कीमत पर ज़्यादा ध्यान देने वालों ग्राहकों को लुभाने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा था।
टिम कुक की भारत यात्रा काफी महत्वपूर्ण...
चीन की यात्रा के बाद टिम कुक की भारत यात्रा काफी महत्वपूर्ण वक्त पर हो रही है, क्योंकि आईफोन की बिक्री में पहली बार आई गिरावट के बाद इस वक्त एप्पल नए बाज़ार तलाश कर रही है।
भारत यह जानने का इच्छुक है कि क्या एप्पल भारत में अपनी उत्पादन इकाइयां स्थापित करना चाहती है या नहीं, क्योंकि यदि ऐसा होता है तो वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम के लिए काफी मददगार होगा।
"भारत में भी निर्माण कर सकती है एप्पल..."
सरकार के एक सूत्र ने एक समाचार एजेंसी से कहा, "अगर वे (एप्पल) चीन के बाज़ार के लिए चीन में निर्माण कर सकते हैं, तो वे भारतीय बाज़ार के लिए भारत में भी निर्माण कर सकते हैं..."
महाराष्ट्र पहले ही एप्पल के लिए उत्पादनिर्माता के रूप में काम करने वाली फॉक्सकॉम टेक्नोलॉजी से बातचीत कर रहा है, ताकि वे महाराष्ट्र में आईफोन की उत्पादन इकाई स्थापित करें।
एप्पल की भारत में पहला रीटेल आउटलेट खोलने की योजना...
भारत में एप्पल अपना पहला रीटेल आउटलेट खोलने की योजना बना रहा है, क्योंकि यहां उनके पास सिर्फ दो फीसदी बाज़ार हिस्सेदारी है, जबकि इस साल के पहले तीन महीनों में उनकी बिक्री यहां 56 फीसदी बढ़ी है, जिसमें सबसे ज़्यादा योगदान आईफोन 5एस जैसे सस्ते फोनों का है।
पिछले साल भारतभर में 10 करोड़ स्मार्टफोन बिके हैं, और इस साल इसमें 25 फीसदी बढ़ोतरी की संभावना है, जिसकी बदौलत भारत दुनियाभर में सबसे तेज़ी से बढ़ते स्मार्टफोन बाज़ारों में शुमार हो गया है।
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