क्या आपने आयकर अधिनियम (इनकम टैक्स एक्ट) की धारा 80सी (Section 80C) के तहत मिलने वाले छूट का पूरा इस्तेमाल किया है...? अगर नहीं किया है, तो यही सही समय है, जब आप अपने पैसे का सही जगह निवेश कर अपनी टैक्स देनदारी में अधिकतम कटौती कर सकते हैं. बहुत-से कर सलाहकार धारा 80सी के अंतर्गत मिलने वाले इनकम टैक्स लाभों को अहम बताते हैं, और जहां तक टैक्स बचाने का सवाल है, वास्तव में वेतनभोगी वर्ग में यही धारा सबसे लोकप्रिय भी है. हर साल आम बजट पेश किए जाते वक्त सभी सलाहकारों, सभी चार्टर्ड एकाउंटेंटों, सभी अर्थशास्त्रियों और आम आदमी के कान बेसब्री से टैक्स घोषणाओं पर ही लगे रहते हैं. अब वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा वित्तवर्ष 2020-21 के लिए वार्षिक बजट पेश करने में कुछ ही घंटे रह गए हैं, सो, धारा 80सी के तहत की जाने वाली कटौतियों के बारे में विस्तार से जान लेना बेहद ज़रूरी है, ताकि अगले साल के लिए की जाने वाली घोषणाओं को सुनने के बाद आप अपने निवेश की सही और फायदेमंद तरीके से योजना बना सकें.
जानें, आयकर अधिनियम (इनकम टैक्स एक्ट) की धारा 80सी (Section 80C) के तहत मिलने वाले छूट के बारे में सभी ज़रूरी बातें...
इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80सी के तहत बचत अथवा निवेश कर कितना टैक्स बचाया जा सकता है...?
मौजूदा समय में, धारा 80सी के तहत कुछ विशेष बचत तथा निवेश योजनाओं में किए गए 1,50,000 रुपये तक के निवेश को व्यक्तिगत करयोग्य आय (Taxable Personal Income) में से घटा दिया जाता है. इस तरह यदि कोई शख्स पूरे 1,50,000 रुपये की बचत उन मदों में करता है, जो धारा 80सी के दायरे में आती हैं, तो वह शख्स आयकर और उपकर (Income Tax and Cess) मिलाकर एक वित्तवर्ष में 46,800 रुपये (यदि उस शख्स की करयोग्य आय 30 प्रतिशत टैक्स स्लैब के तहत आती है) की टैक्स देनदारी कम कर सकता है. यदि किसी शख्स की करयोग्य आय 20 प्रतिशत टैक्स स्लैब के तहत आती है, तो वह धारा 80सी के तहत 1,50,000 रुपये का निवेश करने पर आयकर और उपकर मिलाकर एक वित्तवर्ष में 31,200 रुपये की बचत कर सकता है.
किस-किस मद में निवेश करने पर धारा 80सी के तहत छूट मिल सकती है...?
- अपनी, अपने जीवनसाथी अथवा आश्रित बच्चों की जीवन बीमा पॉलिसी का प्रीमियम (नई पॉलिसी अथवा रीन्यूअल प्रीमियम)
- यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP)
- टैक्स-सेविंग म्यूचुअल फंड अथवा इक्विटी-लिंक्ड बचत योजना (न्यूनतम तीन साल की परिपक्वता)
- भविष्य निधि (प्रॉविडेंट फंड) - इसमें कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) तथा लोक भविष्य निधि (PPF) शामिल हैं
- घर खरीदने पर अदा की गई स्टाम्प ड्यूटी
- गृह ऋण (Home Loan) के भुगतान में चुकाई गई मूलधन की रकम
- राष्ट्रीय बचत पत्र (NSC)
- टैक्स-सेविंग सावधि जमा खाता (फिक्स्ड डिपॉज़िट)
- वरिष्ठ नागरिक बचत योजना तथा सुकन्या समृद्धि योजना जैसी छोटी बचत योजनाओं में किया गया निवेश
- आश्रित बच्चों (अधिकतम दो बच्चे) की शिक्षा के लिए (यूनिवर्सिटी, कॉलेज अथवा स्कूल में) जमा कराई गई ट्यूशन फीस
बढ़ाई जा सकती है धारा 80सी के तहत बचत अथवा निवेश पर छूट की सीमा...?
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, वित्त मंत्रालय आयकर अधिनियम (इनकम टैक्स एक्ट) की धारा 80सी के तहत बचत अथवा निवेश पर दी जाने वाली छूट की सीमा को बढ़ाने पर विचार कर रहा है, क्योंकि उद्योग संगठन फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI) समेत बहुत-से संगठनों और समूहों ने आम आदमी की बचत को बढ़ावा देने के लिए इस सीमा में भड़ोतरी की मांग की है. FICCI ने बजट-पूर्व सिफारिशों में 'निवेश और टैक्स बचत को बढ़ावा देने' के लिए धारा 80सी के तहत बचत अथवा निवेश पर दी जाने वाली छूट की सीमा को बढ़ाकर 3,00,000 रुपये कर दिया जाना चाहिए.
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