विज्ञापन
This Article is From Apr 23, 2015

आगरा मेंटल हॉस्पिटल में लगातार बढ़ रही है मानसिक बीमार किसानों की तादात


आगरा : उत्तर भारत में बेमौसम बारसात से बर्बाद हुए किसानों की खुदकुशी या सदमे से हुई मौत के आंकड़े लगातार बढ़ रहे हैं। वहीं आगरा में मानसिक तौर पर बीमार किसानों की तादाद में 33 फीसदी का इज़ाफ़ा हुआ है।

55 साल के महादेव ऐसे ही एक किसान हैं, वे भी इलाज के लिए मेंटल हॉस्पिटल पहुंच गए हैं। बेमौसम बारिश और ओलों की मार उनकी 6 एकड़ में लगी गेहूं की फसल ही तबाह नहीं की, बल्कि कुदरत की इस मार ने दिलो-दिमाग को भी हिला दिया है।

ऐसा भी नहीं है कि ये कहानी सिर्फ महादेव की ही हो। बल्कि बीते एक महीने में आगरा मेंटल हॉस्पिटल के मरीजों में करीब 33 फीसदी का इजाफ़ा हुआ है, जिनमें ज्यादातर किसान हैं।

अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि अस्पताल में किसानों की खुदकुशी रोकने के लिए काउंसलिंग हो रही है और अलग से एक शाखा भी खोली गई है। बीते दिनों में किसानों की खुदकुशी के बढ़ते मामले उनकी हताशा की तस्वीर पेश करते हैं, ऐसे में ये कोशिशें कारगर साबित हो सकती हैं।

उत्तर प्रदेश में एक करोड किसानों को नहीं मिलेगा नुकसान का मुआवजा
यूपी में एक करोड़ किसानों को सरकार फ़सल बर्बाद होने के बावजूद मुआवज़ा नहीं दे सकती। इसका कारण ये है कि सरकारी रिकॉर्ड में ज़मीन उनके नाम पर नहीं है। ये वो किसान हैं जो दूसरों की ज़मीन पर खेती करते हैं और उस फसल का आधा हिस्सा ज़मीन मालिकों को देते हैं। उन्हें बटाईदार कहा जाता है, रेवन्यू रिकॉर्ड के मुताबिक यूपी में 3 करोड़ किसान हैं जबकि 1 करोड़ बटाईदार।

इतना होने के बावजूद किसान अगले सीजन में अच्छी फसल की उम्मीद भी नहीं कर सकता। क्योंकि भारतीय मौसम विभाग ने इस साल के मॉनसून की 'डरावनी' भविष्यवाणी कर दी है। अभी तक के अनुमानों के मुताबिक, मॉनसून के सामान्य से कम रहने की बात कही जा रही है।

मॉनसून सामान्य से 93 फीसदी रहने की उम्मीद जताई गई है, जिसमें 5 फीसदी की कमी-बीशी हो सकती है। बीते 50 साल के आंकड़ों के आधार पर सामान्य बारिश 89 सेमी तय की गई है।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com