पूर्वी उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में आज सुबह सैकड़ों पुलिसकर्मियों और रेलवे बल के जवानों ने 'अग्निपथ' प्रदर्शनकारियों द्वारा आग लगाई गई ट्रेन के कोचों को धक्का देकर अलग किया गया. पुलिसकर्मियों ने काफी मशक्कत और जोखिम उठाकर जलती ट्रेन के कोचों से कुछ को अलग करने में सफल रहे. ट्रेन में तोड़फोड़ और जलाने से पहले भीड़ ने रेलवे स्टेशन की संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया. इससे पहले कि पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग किया. बलिया पुलिस प्रमुख ने दावा किया कि प्रदर्शनकारियों से बातचीत के बाद वे भीड़ को तितर-बितर करने में कामयाब रहे. इसी के साथ ही प्रदर्शनकारियों के एक अन्य ग्रुप ने पूर्वी यूपी जिले में रेलवे स्टेशन के बाहर सड़कों पर लाठी-डंडों सहित बहसबाजी की.
विरोध अब हरियाणा और यूपी में भी फैल गया है. बिहार के कई हिस्सों में सेना के उम्मीदवारों द्वारा रेल और सड़क यातायात को बाधित करने के एक दिन बाद यहां प्रदर्शन हुआ है. प्रदर्शनकारियों द्वारा पथराव और हिंसा के बाद हरियाणा के पलवल जिले में 24 घंटे के लिए फोन इंटरनेट और एसएमएस बंद कर दिया गया है. अग्निपथ में चार साल की अवधि के लिए अनुबंध पर जवानों की भर्ती का प्रस्ताव है, जिसके बाद अधिकांश के लिए ग्रेच्युटी और पेंशन लाभ के बिना अनिवार्य सेवानिवृत्ति हो जाएगी. नई योजना का उद्देश्य सरकार के भारी वेतन और पेंशन बिलों में कटौती करना और हथियार खरीदने के लिए धन इकट्ठा करना है.
सरकार ने विरोध प्रदर्शनों के बाद एकमुश्त छूट के रूप में अग्निपथ भर्ती के लिए आयु सीमा 21 से बढ़ाकर 23 कर दी है. सरकार ने इस योजना के बचाव में 10 प्वाइंटस भी बताए हैं. सरकार ने युवाओं को आश्वासन दिया है कि वे सेना में अपने चार साल पूरे करने के बाद खुद को मुश्किल में नहीं पाएंगे.
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