नई दिल्ली:
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अफजल गुरु को फांसी दिए जाने की निंदा की, वहीं, उनके पिता और नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी के प्रमुख फारुख अब्दुल्ला ने साफ कहा कि पूरी प्रक्रिया का पालन करने के बाद ही फांसी दी गई है।
अफजल के परिजनों ने आरोप लगाया है कि अफजल गुरु को फांसी दिए जाने से पहले उन्हें मिलने का अवसर तक नहीं दिया गया।
गौरतलब है कि संसद पर हमला करने आए आतंकियों को पूरे हथियार मुहैया कराने का आरोप अफजल गुरु पर साबित हुआ था।
बता दें कि केंद्र की यूपीए सरकार में नेशनल कॉन्फ्रेंस साझेदार है।
उमर ने अपने बयान में कहा था कि यह समझ से परे है कि अफजल को अंतिम बार अपने परिजनों से मिलने नहीं दिया गया। उमर का आरोप यहां तक है कि अफजल को फांसी दिए जाने के पीछे राजनीतिक कारण हैं।
उमर का कहना है कि इस घटना का राज्य की कानून व्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा। उनका कहना है कि राज्य में तमाम लोगों का यह मानना है कि अफजल गुरु के मामले में निष्पक्ष तरीके से सुनवाई नहीं हुई। राज्य के तमाम लोग इस बात से भी नाराज हैं कि अफजल गुरु को तिहाड़ जेल में ही दफना दिया गया।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि आखिर अफजल को जल्दबाजी में फांसी क्यों दी गई जबकि राजीव गांधी के हत्यारों और मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के हत्यारे अभी भी जिंदा है।
फारूख अब्दुल्ला ने कहा कि अफजल गुरु को तमाम कोर्टों ने सजा सुनाई। राष्ट्रपति ने दया याचिका खारिज कर दी। मामला खत्म हो गया। राज्य की क्या स्थिति है यह मुख्यमंत्री जानते हैं।
अफजल के परिजनों ने आरोप लगाया है कि अफजल गुरु को फांसी दिए जाने से पहले उन्हें मिलने का अवसर तक नहीं दिया गया।
गौरतलब है कि संसद पर हमला करने आए आतंकियों को पूरे हथियार मुहैया कराने का आरोप अफजल गुरु पर साबित हुआ था।
बता दें कि केंद्र की यूपीए सरकार में नेशनल कॉन्फ्रेंस साझेदार है।
उमर ने अपने बयान में कहा था कि यह समझ से परे है कि अफजल को अंतिम बार अपने परिजनों से मिलने नहीं दिया गया। उमर का आरोप यहां तक है कि अफजल को फांसी दिए जाने के पीछे राजनीतिक कारण हैं।
उमर का कहना है कि इस घटना का राज्य की कानून व्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा। उनका कहना है कि राज्य में तमाम लोगों का यह मानना है कि अफजल गुरु के मामले में निष्पक्ष तरीके से सुनवाई नहीं हुई। राज्य के तमाम लोग इस बात से भी नाराज हैं कि अफजल गुरु को तिहाड़ जेल में ही दफना दिया गया।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि आखिर अफजल को जल्दबाजी में फांसी क्यों दी गई जबकि राजीव गांधी के हत्यारों और मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के हत्यारे अभी भी जिंदा है।
फारूख अब्दुल्ला ने कहा कि अफजल गुरु को तमाम कोर्टों ने सजा सुनाई। राष्ट्रपति ने दया याचिका खारिज कर दी। मामला खत्म हो गया। राज्य की क्या स्थिति है यह मुख्यमंत्री जानते हैं।
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