संसद की सुरक्षा में चूक की घटना के एक दिन बाद बृहस्पतिवार को संसद भवन के अंदर और उसके आसपास सुरक्षा के कड़े कदम उठाए गए और पुलिस तथा संसद सुरक्षा कर्मचारियों ने परिसर में प्रवेश करने वालों की गहन जांच की. संसद परिसर से कुछ ही मीटर की दूरी पर परिवहन भवन के बाहर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने किसी को भी बैरिकेड से आगे जाने की इजाजत तब तक नहीं दी, जब तक कि उन्होंने उनके पहचान पत्र की जांच नहीं कर ली. कड़ी सुरक्षा के बीच गुजरात के आदिवासी क्षेत्र डांग से आए विद्यार्थियों के एक बड़े समूह ने संसद भवन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की.
कृषि भवन के पास तैनात सुरक्षा कर्मियों ने दो पहिया सवारों को रोका और उनके पहचान पत्र आदि देखने के बाद ही उन्हें जाने दिया. मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा को ‘मकर द्वार' से संसद के नए भवन में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई. संगमा अपनी कार से उतरे और इमारत में प्रवेश करने के लिए ‘शार्दुल द्वार' की ओर चले गए. संसद के एक अधिकारी ने कहा, "मंत्रियों के निजी सचिवों और अन्य कर्मचारियों सहित मंत्रालय के अधिकारियों को मकर द्वार से संसद में प्रवेश करने से रोक दिया गया क्योंकि यह सिर्फ सांसदों के प्रवेश के लिए है. उन्हें शार्दुल द्वार से भवन में प्रवेश करने के लिए कहा गया है."
नए संसद भवन के मकर द्वार को सांसदों को छोड़कर सभी के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है. मीडिया कर्मियों को पुराने संसद भवन के गेट नंबर 12 के पास लॉन में भेज दिया गया. पत्रकारों से कहा गया कि वे मकर द्वार के पास सांसदों की साउंड बाइट और तस्वीरें न लें या वीडियो शूट न करें. संसद के एक सुरक्षा कर्मचारी ने पीटीआई-भाषा को बताया, "मकर द्वार के बाहर भीड़भाड़ से बचने के लिए ऐसा किया गया है." संसद परिसर में प्रवेश करने वालों में से कुछ लोगों को जूते उतारने के लिए कहा गया. लोकसभा कक्ष में कूदने वाले दोनों व्यक्तियों ने अपने जूतों में धुआं छोड़ने वाले केन छिपा रखे थे.
संसद परिसर के बाहर तैनात सुरक्षा कर्मियों ने केवल वैध पास धारकों को ही प्रवेश द्वार तक पहुंचने की अनुमति दी. संसद सदस्यों के वाहन चालकों को पास के बिना परिसर में प्रवेश नहीं करने दिया गया. दिल्ली पुलिस के एक कर्मी ने से कहा, "बुधवार को एक गलती हो गई. अगर यहां कोई अप्रिय घटना घट जाए तो दुनिया भर में क्या संदेश जाएगा? इसीलिए हम प्रत्येक आगंतुक से संसद के प्रवेश द्वार तक पहुंचने से पहले वैध प्रवेश पास और अन्य ब्यौरा दिखाने के लिए कह रहे हैं."
सागर शर्मा और मनोरंजन डी. नामक दो युवक बुधवार को शून्यकाल के दौरान दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में कूद गए थे और उन्होंने 'केन' से पीला धुआं फैलाते हुए नारेबाज़ी की. हालांकि सांसदों ने उन्हें पकड़ लिया. लगभग उसी समय संसद भवन के बाहर अमोल शिंदे और नीलम ने ‘केन' से लाल और पीले रंग का धुआं फैलाते हुए ‘तानाशाही नहीं चलेगी' जैसे नारे लगाए. यह घटना 13 दिसंबर 2001 को संसद पर हमले की बरसी के दिन हुई. सूत्रों ने बृहस्पतिवार को बताया कि लोकसभा सचिवालय ने संसद में सुरक्षा चूक के मामले आठ सुरक्षाकर्मियों को निलंबित कर दिया है.
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