कांग्रेस 2024 के चुनावों से पहले विपक्षी पार्टियों से गठबंधन की उम्मीद कर रही है. शुक्रवार को कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने दावा किया कि पार्टी ममता बनर्जी, नीतीश कुमार और के चंद्रशेखर राव जैसे क्षेत्रीय दिग्गजों के साथ समझौता करना चाहती है. कांग्रेस के शीर्ष नेता राहुल गांधी ने ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस को लेकर दो दिन पहले ही जुबानी हमला बोला था. इसके ठीक दो दिन बाद गठबंधन से संबंधित कांग्रेस की राजनीतिक मामलों की समिति के अध्यक्ष वीरप्पा मोइली ने NDTV को बताया कि पार्टी उनके साथ साझेदारी चाहती है.
उन्होंने कहा, "हम मुद्दों को सुलझाएंगे और ममता बनर्जी, नीतीश कुमार और के चंद्रशेखर राव के साथ काम करेंगे. हमें गठबंधन का नेतृत्व करने की जरूरत है और हम एक साथ काम करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि सभी एक साथ आएं. कांग्रेस को मजबूत करने की जरूरत है और जब हम मजबूत होंगे, तभी हम नेतृत्व कर सकते हैं."
यह बयान छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कांग्रेस की तीन दिवसीय बैठक के मौके पर सामने आया है. इससे पहले बुधवार को राहुल गांधी ने मेघालय में एक चुनावी रैली में तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधते हुए दावा किया, "आप टीएमसी (तृणमूल कांग्रेस) का इतिहास जानते हैं, पश्चिम बंगाल में होने वाली हिंसा और घोटाले. आप उनकी परंपरा से परिचित हैं. उन्होंने गोवा (चुनाव) में बड़ी रकम खर्च की और इसका मकसद बीजेपी की मदद करना था. मेघालय में भी यही विचार है. मेघालय में टीएमसी का विचार यह सुनिश्चित करना है कि भाजपा मजबूत हो और सत्ता में आए."
यह बयान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बयान से भी पूरी तरह से विरोधाभासी प्रतीत होता है, जिन्होंने मोइली की टिप्पणी से पहले ही दावा किया था कि उनका संगठन 2024 में भाजपा को चुनौती देने के लिए अन्य दलों के साथ बातचीत कर रहा था.
गांधी के रुख के बारे में पूछे जाने पर मोइली ने कहा, "राहुल गांधी एक संपत्ति हैं. मैं 60 साल से कांग्रेस में हूं. हम ताकत और कमजोरियों को जानते हैं. हम साथ काम करेंगे."
राहुल गांधी की टिप्पणी ने ममता बनर्जी के भतीजे और पार्टी के दूसरे नंबर के नेता अभिषेक बनर्जी को नाराज कर दिया था, जिन्होंने सोशल मीडिया पर इसे लेकर पटलवार किया है.
बनर्जी ने अपने ट्ववीट में लिखा, "कांग्रेस भाजपा का विरोध करने में विफल रही है. उनकी अप्रासंगिकता, अक्षमता और असुरक्षा ने उन्हें बेहोशी की हालत में डाल दिया है. मैं राहुल गांधी से आग्रह करता हूं कि वे हम पर हमला करने के बजाय अपनी घमंड की राजनीति पर फिर से विचार करें. हमारा विकास पैसे से नहीं, बल्कि यह लोगों के प्यार से होता है."
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