
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बाद अब आम आदमी पार्टी (AAP) ने भी चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं. पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री रहे सौरभ भारद्वाज ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके आरोप लगाया कि आयोग विपक्ष की शिकायतों को नजरअंदाज कर रहा है और RTI के जरिए भी सही जानकारी देने से बच रहा है.
आतिशी ने CEC से की थी शिकायत
सौरभ भारद्वाज ने बताया कि 5 जनवरी 2025 को दिल्ली की तत्कालीन मुख्यमंत्री आतिशी ने उस समय के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार को चिट्ठी लिखकर शिकायत की थी कि नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर वोट काटने की एप्लीकेशन दी जा रही हैं. उन्होंने आंकड़े बताते हुए कहा कि 29 अक्टूबर से 15 दिसंबर के बीच वोट डिलीशन के लिए 6,166 एप्लीकेशन दी गई थीं.
सौरभ का दावा, 42 हजार वोट काटे गए
सौरभ भारद्वाज ने दावा किया कि 2020 में नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या 1,48,000 थी. लेकिन 2025 के समरी रिवीजन के बाद यह संख्या घटकर 1,06,000 रह गई. यानी करीब 42,000 वोट काट दिए गए. ये एप्लीकेशन उन लोगों के नाम से डाली गई, जो वास्तव में वहां रहते हैं. उन्होंने इसे लोकतंत्र की संगठित लूट करार दिया.
केजरीवाल ने 8 महीने पहले उठाया था मुद्दा
AAP नेता ने आरोप लगाया कि उस दौरान अलग-अलग तारीखों पर चुनाव आयोग को लगातार शिकायती पत्र भेजे गए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. उन्होंने कहा कि 8 महीने पहले (पूर्व) मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, आतिशी और संजय सिंह भी इस मुद्दे को उठा चुके थे और अब वही बातें राहुल गांधी भी दोहरा रहे हैं.
RTI में पूरी जानकारी न देने का आरोप
भारद्वाज ने कहा कि हाल ही में AAP ने RTI दायर करके यह जानना चाहा कि आतिशी की शिकायतों पर चुनाव आयोग ने क्या कार्रवाई की. लेकिन आयोग ने जवाब दिया कि यह “व्यक्तिगत जानकारी” है और साझा नहीं की जा सकती. इस पर भारद्वाज ने तंज कसते हुए कहा कि क्या यह रिश्ते की जानकारी है जो आप निजी बता रहे हैं? अगर शिकायत पर कार्रवाई का ब्योरा भी नहीं देंगे तो फिर जनता क्या जानेगी?
उन्होंने आरोप लगाया कि उस समय के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और मौजूदा CEC दोनों की भूमिका संदिग्ध है. भारद्वाज ने दावा किया कि जब एप्लीकेशन की स्थिति पूछी गई तो बताया गया कि फाइल बिना किसी कार्रवाई के बंद कर दी गई है.
लोकतंत्र के लिए खतरनाक संकेतः भारद्वाज
सौरभ भारद्वाज ने तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि भारत का चुनाव आयोग अब सोशल मीडिया ट्रोल की तरह काम कर रहा है और बीजेपी की सोशल मीडिया आर्मी को हथियार मुहैया करा रहा है. यह लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक संकेत है.
बहरहाल, आम आदमी पार्टी के आरोपों पर खबर लिखे जाने तक चुनाव आयोग ने कोई जवाब नहीं दिया था. हालांकि आयोग के सूत्र बताते हैं कि जो जानकारी देनी थी, वह उनकी आरटीआई में दी जा चुकी है.
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