पेट्रोल-डीजल पर वैट (VAT) घटाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील को लगभग सभी विपक्ष शासित राज्यों ने ख़ारिज कर दिया है. अब केंद्र और विपक्ष शासित राज्य सरकारों के बीच एविएशन टरबाइन फ्यूल (Aviation Turban fuel) यानी ATF पर लगने वाले टैक्स को लेकर जुबानी जंग छिड़ गई है. पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने हवाई किरायों में कमी न होने के लिए विपक्ष शासित राज्यों पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और दिल्ली को जिम्मेदार करार दिया है. जबकि ममता बनर्जी ने केंद्र को चुनौती दी है की वो पहले ATF पर कस्टम और एक्साइज ड्यूटी घटाकर दिखाए.
पेट्रोल और डीज़ल (Petrol-Diesel) के बाद अब केंद्र और विपक्षी राज्यों के बीच एविएशन टरबाइन फ्यूल पर लगने वाले टैक्स को लेकर विवाद उभरा है. पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने ट्वीट कर कहा, " क्या आपने कभी सोचा है कि हवाई टिकट की कीमतें कम क्यों नहीं होतीं? किसी एयरलाइन के संचालन लागत में लगभग 40% हिस्सा एविएशन टर्बाइन फ्यूल का होता है, लेकिन पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और दिल्ली (Delhi, Mumbai and West Bengal) एटीएफ पर काफी ज़्यादा 25% से ज्यादा वैट लगाते हैं, जबकि बीजेपी शासित यूपी और नागालैंड और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर सिर्फ 1% चार्ज करते हैं".
हरदीप पुरी ने कहा, एविएशन टर्बाइन फ्यूल पर सबसे ज्यादा टैक्स तीन जगहों पर लगता है, वो तीन राज्य बंगाल, महाराष्ट्र औऱ दिल्ली हैं और इन्हीं तीन जगहों (दिल्ली, मुंबई और कोलकाता) में सबसे ज्यादा ट्रैफिक है. अगर आप टैक्स घटाएंगे तो ज्यादा से ज्यादा एयरलाइन रिफ्यूलिंग का इस्तेमाल करेंगी. दिल्ली में दबाव नहीं पड़ने तक टैक्स नहीं घटाया था. एटीएफ किसी एयरलाइन्स के ऑपरेटिंग कॉस्ट (लागत मूल्य) का एक अहम हिस्सा होता है। यही वजह है की इस मसले पर केंद्र और कुछ विपक्ष-शासित राज्यों के बीच इस मसले पर बड़ी बहस छिड़ गयी है.
दरअसल सिविल एविएशन मंत्रालय चाहता है की राज्य सरकारें ATF पर VAT सिर्फ 1% से 4% के बीच लगाएं चाहिए लेकिन कुछ विपक्षी शासित राज्य इसे स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं,पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पेट्रोलियम मंत्री के आरोप पर पलटवार करते हुए कहा, वो हवाई किराया कम करने के लिए अपने सभी शुल्कों को कम करने में सक्रिय रही हैं, जबकि भारत सरकार मुफ्त में उपदेश दे रही है.
ममता ने ट्वीट कर कहा, "राज्यों पर उंगली उठाने के बजाय, भारत सरकार को हवाई किराए को कम करने के लिए एटीएफ पर अपने कस्टम्स ड्यूटी (@ 5%), अतिरिक्त कस्टम्स ड्यूटी (@ 11%) और एक्साइज ड्यूटी (11%) को कम करना चाहिए". इस आरोप-प्रत्यारोप के बीच पेट्रोलियम मंत्री ने पेट्रोल और डीजल को GST में शामिल करने की वकालत कर दी.
हरदीप पुरी ने कहा,, "केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने में बेहद खुशी होगी. लेकिन राज्य सरकारें इसके लिए तैयार नहीं हैं. मुश्किल ये है कि पेट्रोल-डीजल और अब एविएशन टरबाइन फ्यूल पर लगाए जाने टैक्स पर केंद्र और राज्यों के बीच राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप की वजह महंगाई जैसे बड़ी चुनौती से निपटने के लिए आम राय नहीं बन पा रही है.
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