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JNU के बाद अब जामिया में भी नहीं होगी तुर्की भाषा की पढ़ाई

जेएनयू के बाद अब जामिया में भी तुर्की भाषा की पढ़ाई नहीं होगी. ऑपरेशन सिंदूर के खिलाफ तुर्किए ने पाकिस्तान को जमकर सैन्य सहायता उपलब्ध करवाई थी, जिसके बाद देशभर में तुर्किए के खिलाफ आक्रोश देखने को मिल रहा है.

JNU के बाद अब जामिया में भी नहीं होगी तुर्की भाषा की पढ़ाई
जमिया मिल्लिया इस्लामिया

Turkish Language Studies Stopped: जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) ने हाल ही में तुर्किए के इनोनू (INONU) विश्वविद्यालय के साथ शैक्षणिक समझौता ज्ञापन को स्थगित कर दिया है. JNU के इस फैसले के बाद अब जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय ने भी ऐसा ही फैसला लिया है. अब जामिया में भी तुर्की भाषा की पढ़ाई नहीं होगी. बता दें कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद तुर्किए ने पाकिस्तान का खुलकर समर्थन किया था. ऑपरेशन सिंदूर के खिलाफ तुर्किए ने पाकिस्तान को जमकर सैन्य सहायता उपलब्ध करवाई थी. इसके बाद भारत में तुर्किए के खिलाफ जमकर आक्रोश देखने को मिला और सोशल मीडिया पर 'बॉयकॉट तुर्की' ट्रेंड करने लगा. इसके बाद देश के बड़े शैक्षणिक संस्थानों ने तुर्की भाषा की पढ़ाई रोकने की कवायद शुरू कर दी.

जामिया मिलिया इस्लामिया की जनसंपर्क अधिकारी प्रोफेसर साइमा सईद ने बताया कि "जामिया ने तुर्किये के किसी भी शैक्षणिक संस्थान और प्रतिष्ठान के साथ सहयोग को निलंबित कर दिया है. हम सरकार और देश के साथ खड़े हैं और अगली सूचना तक सब कुछ निलंबित है."

2023 के भीषण भूकंप में भारत ने की थी मदद

साल 2023 में तुर्किए में भीषण भूकंप की आया था, उस दौरान भारत ने 'ऑपरेशन दोस्त' चलाकर उसकी मदद की थी. अभी तुर्किए की अर्थव्यवस्था वैसे ही चरमराई हुई है. इसके बावजूद उसने भारत का खुलकर विरोध किया. हिमालयन एप्पल ग्रोअर्स सोसाइटी ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर तुर्की से सेब आयात पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है. उनका कहना है कि वहां से आने वाले सेब की वजह से हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड के बागवान संकट में हैं. तुर्किए भारत में बड़ी मात्रा में सेब भेजता है, प्रतिबंध के बाद उसके अर्थव्यवस्था को तगड़ा झटका लगेगा.

तुर्किए को झेलना पड़ सकता है ये बड़ा नुकसान

भारतीय व्यापारी टर्किश सेब का बहिष्कार कर रहे हैं. भारतीय तुर्की की यात्रा का बहिष्कार कर रहे हैं. तुर्की की फ्लाइट और होटल बुकिंग कैंसिल हो रही हैं. मेक माई ट्रिप के मुताबिक तुर्की और अजरबैजान की बुकिंग में आई 60% की गिरावट आई है. 2024 में भारत से 3.3 लाख लोग तुर्की घूमने गए थे. एक अनुमान के मुताबिक इन भारतीय ने करीब 350 से 400 मिलियन डॉलर वहां खर्च किए थे. इसके साथ ही JNU और जामिया ने तुर्की भाषा की पढ़ाई नहीं होगी. पुणे के व्य्पारियों ने तुर्की के सेबों की बिक्री बंद की. साहिबाबाद फल मंडी के व्यापारी भी टर्किश सेब और फलों का बहिष्कार कर रहे हैं. उदयपुर के व्यापारियों ने टर्की से मार्बल आयात नहीं करने का ऐलान किया है.

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