दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की स्थायी समिति के छह सदस्यों का चुनाव बुधवार को सदन में भारी शोर-शराबे के कारण नहीं हो पाया. आम आदमी पार्टी सदन में हंगामे के लिए भारतीय जनता पार्टी को जिम्मेदार ठहरा रही है. लेकिन भाजपा सूत्र का कहना है कि असल में आप सदन नहीं चलने दे रही है. साथ ही गुप्त मतदान प्रक्रिया का उल्लंघन कर रही है.
भाजपा सूत्र ने बताया, "आम आदमी पार्टी सदन नहीं चलने दे रही है. सदन में जहां भाजपा सदस्यों ने शांतिपूर्वक मतदान किया, वहां मेयर और डिप्टी मेयर निर्वाचित होने के बाद, आप मेयर ने सदस्यों को स्थायी समिति के लिए मतदान करते समय मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति दी. वे क्रॉस वोटिंग से डरते हैं और सदस्यों को मतदान करने के निर्देश के साथ मोबाइल की अनुमति देते हैं और अपने फोन से केजरीवाल को वोट की तस्वीर भेजते हैं. यह गुप्त मतदान का उल्लंघन है. साथ ही, मेयर ने कहा कि सदस्य आठ के बैच में मतदान करेंगे, केवल सहकर्मी सतर्कता सुनिश्चित करने के लिए. आप और बीजेपी को दो-दो सीटें मिलने का भरोसा है. लेकिन आप अन्य 2 को हथियाने की कोशिश कर ही है."
बता दें कि आम आदमी पार्टी (आप) की शैली ओबरॉय के महापौर और आप के ही आले मोहम्मद इकबाल के उपमहापौर निर्वाचित होने के बाद सदन की कार्यवाही एक घंटे के लिए स्थगित कर दी गयी. जब एक घंटे बाद कार्यवाही शुरु नहीं हुई तब भाजपा पार्षद शिखा राय ने निगम सचिव से देरी की शिकायत की. बैठक शाम करीब सवा छह बजे फिर शुरू हुई और स्थायी समिति के छह सदस्यों के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हुई. जब महापौर ने मतदान क्षेत्र में मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति दी जब भाजपा सदस्यों ने विरोध किया. उनमें कई आसन के समीप आ गये और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ नारे लगाने लगे.
नवनिर्वाचित महापौर ने कहा, "जो सदन में व्यवस्था नहीं बनाये रखेंगे, उन्हें सदन से बाहर कर दिया जाएगा." महापौर ने करीब छह बजकर 35 मिनट पर सदन स्थगित कर दिया, लेकिन तबतक कई सदस्य मतदान कर चुके थे. सात बजकर 40 मिनट पर महापौर ने सदस्यों से कहा कि जिनके पास मतपत्र हैं वे लौट आयें और तभी वह निर्णय लेंगी. तब भाजपा सदस्य ‘तानाशाही नहीं चलेगी ' नारा लगाने लगे. भाजपा सदस्यों का एक समूह आसन के पास चला गया और ‘एक सदन में दो कानून, नहीं चलेंगे' नारा लगाने लगे.
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