एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री के लोगों के दबाव पर खुशबू सुंदर.
- एक्ट्रेस शेफाली जरीवाला की मौत ने युवा बने रहने के लिए दवाओं के उपयोग पर सवाल उठाए हैं.
- खुशबू सुंदर ने बताया कि मनोरंजन उद्योग में यंग बने रहने का दबाव FOMO से बढ़ता है.
- एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में आंतरिक और बाहरी दबाव का सामना करना पड़ता है.
- सोशल मीडिया पर टिप्पणियों से लोगों को मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
एक्ट्रेस शेफाली जरीवाला की अचानक हुई मौत (Shefali Jariwala Death) के बाद ये सवाल उठ रहा है कि क्या यंग बने रहने के लिए दवाएं लेना सही है. आखिर क्यों इस तरह का जबाव मनोरंजन जगत से जुड़े लोगों को झलना पड़ता है. एक्ट्रेस खुशबू सुंदर (Khusbu Sundar) ने इसे लेकर NDTV के साथ खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि फियर ऑफ मिसिंग आउट यानी कि FOMO इसका मेन रीजन है. जिसकी वजह से युवाओं और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में काम करने वालों के लिए यंग बने रहने का दबाव बहुत ज्यादा होता है. इसकी वजह से वह चिंता, घबराहट के दौरे, डिप्रेशन जैसी कई अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का शिकार हो जाते हैं.
ये भी पढ़ें-शेफाली जरीवाला ने मौत से पहले ली थी विटामिन C की IV ड्रिप, दोस्त ने बताया कैसे सामने आई ये बात

एंटरटेंनमेंट इंडस्ट्री में कैसा दवाब
एक्ट्रेस खुशबू सुंदर ने कहा कि एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में लोगों को अंदर और बाहर दोनों तरह के दबाव से जूझना पड़ता है. जब लोग आपसे खास तरह का दिखने की उम्मीद करते हैं. वहीं लोग खुद को खास तरह से प्रजेंट करने की उम्मीद करते हैं, चाहे वह आपका मेकअप हो या कपड़े, आपसे डिजाइनर, स्टाइलिस्ट आदि की उम्मीद की जाने लगती है, इसे इस इंडस्ट्री का भीतरी दबाव कहा जा सकता है.
एक्ट्रेस ने कहा उनको लगता है कि इससे भी ज्यादा दबाव बाहरी दुनिया का ज्यादा है. सबसे ज्यादा दबाव आज के समय में समय में सोशल मीडिया से आता है. अगर आपने ठीक से कपड़े नहीं पहने, अगर एक बाल इधर-उधर है, आपका काजल बह रहा है, आपने लिपस्टिक नहीं लगाई, तो दबाव बढ़ता है कि आप नहीं जानते कि खुद को कैसे संभालना है.
सोशल मीडिया का प्रेशर परेशान करने वाला
खुशबू सुंदर ने कहा कि एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री के लोग सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते हैं. वहां पर वे लोग कमेंट्स पढ़ते हैं और यहीं से दबाव बढ़ता है. इसलिए उनको लगता है कि इंडस्ट्री के भीतर से ज्यादा दबाव इससे बाहर यानी कि सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म से है. ये दबाव चिंता और घबराहट के दौरे और एंग्जायटी के बराबर है. इसमें एक नया शब्द भी शामि है, जिसे FOMO कहा है, जिसका मतलब है कुछ छूट जाने का डर,"
बता दें कि एक्ट्रेस खुशबू सुंदर ने ये बातें ऐसे समय में कही हैं जब एक्ट्रेस शेफाली जरीवाला की मौत इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है. हालांकि उनकी मौत का सही कारण अब तक पता नहीं चल सका है. लेकिन शुरुआती मेडिकल जांच से पता चला है कि हो सकता है कि सेल्फ मेडिकेशन और बिना देखरेख के एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट खासकर ग्लूटाथियोन और विटामिन सी ने उसके कार्डियक अरेस्ट को ट्रिगर किया हो.
पहले सोशल मीडिया नहीं था, हम जैसे थे वैसे ही लोगों को पसंद थे
एक चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर बॉलीवुड में अपने करियर की शुरुआत करने वाली एक्ट्रेस खुशबू सुंदर ने कहा कि जब वह इंडस्ट्री में मुख्य भूमिकाएं कर रही थीं उस समय कोई सोशल मीडिया नहीं था. इसीलिए बाहरी दबाव भी नहीं था. असली फैंस एक्टर-एक्ट्रेस को वैस ही स्वीकार करते थे जैसे वे सच में थे .
खुशबू सुंदर ने सोशल मीडिया के युग में अपनी दो बेटियों और अपने पालन-पोषण के अनुभव का जिक्र करते हुए कहा कि कहा कि हम बस सलवार या जींस और कुर्ता पहनते थे और बाहर निकल जाते थे. कोई भी परेशान नहीं होती थी. असली फैंस हमें वैसे ही स्वीकार करते थे जैसे हम हैं. लेकिन मैंने सोशल प्लेटफॉर्म पर बॉडी शेमिंग के बारे में ये दबाव देखे हैं. उन्होंने अपनी बेटियों के लिए यह महसूस किया है. मैंने लोगों के कमेंट्स और रिएक्शन देखे हैं. इसलिए मैंने फेसबुक क्विट कर दिया और अपनी बेटियों से भी इसे जॉइन न करने के लिए कहा. तब से उनकी बेटियां भी फेसबुक पर नहीं है.
इंस्टाग्राम पर बेटियों का मजाक बनते देखा
खुशबू सुंदर ने सोशल मीडिया पर की जाने वाले कमेट्स को लेकर अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि उन्होंने इंस्टाग्राम पर अपनी बेटियों का मजाक बनते देखा है. बढ़ती उम्र में वह ज्यादा लंबी दिखती थीं. अपनी क्लास में भी वे सबसे लंबी. एक मां होने के नाते उनको इससे कोई परेशानी नहीं हुई. लेकिन फिर उन्होंने अपनी बेटियों को इस प्रेशर से गुजरते हुए देखा. बड़े होते समय बच्चों को समझाना बहुत मुश्किल होता है लेकिन उन्होंने इसे संभाल लिया.
हालांकि एक्ट्रेस खुशबू सुंदर ने शेफाली जरीवाला की मौत पर किसी भी तरह का कमेंट नहीं किया. उन्होंने ये भी स्वीकारकिया कि एंटी-एजिंग आहार लेने वाले लोग बिल्कुल ठीक हैं. उन्होंने कहा कि अगर कोई ऐसा करने में खुश है, तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है. बस आपको ये पता होना चाहिए कि रुकना कहां है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं