सत्रहवीं लोकसभा का पहला सत्र शुरू हो चुका है. पिछले दो दिन से जहां नवनिर्वाचित सदस्यों के शपथ लेने का क्रम जारी है. इस दौरान सदन में कुछ ऐसे भी मामले देखने को मिले जब कुछ ‘माननीय' सदस्यों को दोबारा शपथ लेनी पड़ी. उत्तर प्रदेश के डुमरियागंज से निर्वाचित भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने एक बार शपथ लेने के बाद नवनिर्वाचित सदस्यों से संबंधित रजिस्टर पर हस्ताक्षर किए. इसी बीच लोकसभा सचिवालय के कर्मचारियों ने बताया कि उन्होंने शपथ लेने के दौरान कुछ शब्द गलत पढ़े थे. इसलिए उन्होंने फिर से शपथ ली. फिल्म अभिनेता एवं पंजाब के गुरदासपुर संसदीय क्षेत्र से निर्वाचित सांसद सनी देओल (Sunny Deol) जब मंगलवार को अंग्रेजी में शपथ ले रहे थे तो उन्होंने ‘अपहोल्ड' शब्द को भूलवश ‘विदहोल्ड' पढ़ दिया.
हालांकि सनी देओल (Sunny Deol) ने अपनी त्रुटि को स्वयं भांपते हुए तत्काल इसे दुरूस्त कर लिया. इसी तरह अजमेर से भाजपा सांसद भागीरथ चौधरी ने संस्कृत में शपथ लेनी शुरू की तो सचिवालय के कर्मचारियों ने कहा कि उन्होंने पहले हिंदी में शपथ लेने के बारे में सूचित किया था. इस पर चौधरी ने आसन से कहा कि उन्हें संस्कृत में शपथ लेने की इजाजत दी जाए. कार्यवाहक अध्यक्ष वीरेन्द्र कुमार की अनुमति मिलने के बाद उन्होंने संस्कृत में शपथ ली. दूसरी तरफ, मध्य प्रदेश के इंदौर से भाजपा सांसद शंकर लालवानी ने सिंधी भाषा में शपथ ली. कांग्रेस ने मंगलवार को इसपर सवाल खड़े किये. कांग्रेस का कहना है कि पूर्व लोकसभा अध्यक्ष व इस क्षेत्र की लगातार आठ बार सांसद रहीं सुमित्रा महाजन से सबक लेते हुए लालवानी को हिन्दी में शपथ लेनी चाहिये थी.
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मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता नीलाभ शुक्ला ने कहा, "ताई मूलत: मराठी भाषी होने के बावजूद हिन्दी में शपथ लेती थीं. लेकिन इंदौर क्षेत्र के उनके चुनावी उत्तराधिकारी लालवानी ने हिन्दी में शपथ लेना मुनासिब नहीं समझा". उन्होंने कहा, "इंदौर लोकसभा क्षेत्र के 23.5 लाख मतदाताओं की आम बोलचाल की भाषा हिन्दी है. इसके मद्देनजर लालवानी को हिन्दी में ही शपथ लेनी चाहिये थी. शपथग्रहण के दौरान हिन्दी के प्रति असम्मान जताने पर उन्हें इंदौर के मतदाताओं से माफी मांगनी चाहिये". उधर, लालवानी ने कहा कि सिंधी उनकी मातृभाषा है और संसद में इस जुबान में उनके शपथ लेने को लेकर अनर्गल विवाद खड़ा नहीं किया जाना चाहिये, क्योंकि लोकसभा सदस्यों का अलग-अलग भाषाओं में शपथ लेना दिखाता है कि देश में अनेकता में एकता है. (इनपुट-भाषा)
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