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This Article is From Jun 16, 2016

तीस्ता सीतलवाड़ का NGO अब नहीं ले सकेगा विदेशी चंदा, सरकार ने रद्द किया FCRA लाइसेंस

तीस्ता सीतलवाड़ का NGO अब नहीं ले सकेगा विदेशी चंदा, सरकार ने रद्द किया FCRA लाइसेंस
तीस्ता सीतलवाड़ की फाइल फोटो
नई दिल्ली: साल 2002 के गुजरात दंगे के पीड़ितों को इंसाफ दिलाने की लड़ाई लड़ रहा सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ का एनजीओ 'सबरंग ट्रस्ट' अब विदेशी चंदा हासिल नहीं कर सकेगा, क्योंकि गृह मंत्रालय ने इस एनजीओ का एफसीआरए लाइसेंस रद्द कर दिया है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक आदेश जारी कर कहा है कि केंद्र सरकार ने तीस्ता और उनके पति जावेद आनंद की ओर से संचालित एनजीओ 'सबरंग ट्रस्ट' का स्थायी पंजीकरण तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है। सरकार ने दलील दी है कि विदेशी चंदा नियमन कानून (एफसीआरए) के तहत एनजीओ की ओर से प्राप्त विदेशी चंदों का इस्तेमाल उन उद्देश्यों के लिए नहीं किया जा रहा था, जिनके लिए उसे किया जाना चाहिए था।

चंदे में मिली रकम के दुरुपयोग का आरोप
आदेश में कहा गया कि निरीक्षणों के दौरान गृह मंत्रालय ने पाया कि 'तीस्ता और आनंद दोनों विदेशी चंदों का इस्तेमाल अक्सर होटलों में खाना खाने, अपने घर पर खाना मंगवाने, महंगी दुकानों से केक और मिठाइयां मंगवाने, कान साफ करने वाली रूई, गीले वाइप्स, क्लिपर, सैनिटरी नैपकिन जैसे विशुद्ध निजी चीजों की खरीद के लिए करते थे और यह धनराशि एफसीआरए खाते से ट्रस्टियों को वापस दे दी जाती थी।'

गृह मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा कि 'सबरंग ट्रस्ट' ने 'सबरंग कम्यूनिकेशंस एंड पब्लिशिंग प्राइवेट लिमिटेड' (एससीपीपीएल) के लिए 50 लाख रुपये खर्च किए थे। तीस्ता और आनंद एससीपीपीएल में निदेशकों, सह-संपादकों, प्रिंटरों और प्रकाशकों के तौर पर काम कर रहे हैं 'जो साफ तौर पर एफसीआरए का उल्लंघन है।'

गृह मंत्रालय ने कहा, 'ऐसा करके एनजीओ ने न केवल एक गैर-पंजीकृत संस्था के उद्देश्यों के लिए विदेशी चंदे का अनधिकृत तौर पर इस्तेमाल किया, बल्कि उस संस्था ने भी एक स्व-स्वामित्व वाली मीडिया और प्रकाशन कंपनी के तौर पर ऐसी गतिविधियों के लिए धनराशि का इस्तेमाल किया जो एफसीआरए के तहत पूरी तरह प्रतिबंधित है।'

आदेश में कहा गया कि एनजीओ ने अपने विदेशी चंदे वाले खाते से 2.46 लाख रुपये 'सबरंग ट्रस्ट' के घरेलू खाते में भेजे और इस तरह घरेलू एवं विदेशी कोषों को मिलाकर उन्होंने नियमों का उल्लंघन किया। 'सबरंग ट्रस्ट' ने अपने एफसीआरए खाते से करीब 12 लाख रुपये का सीधा भुगतान तीस्ता और आनंद के क्रेडिट कार्ड्स पर क्रमश: सिटी बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में किया। गृह मंत्रालय ने कहा कि ये कार्ड व्यक्ति के नाम पर जारी किए गए हैं और विदेशी चंदों के उपरोक्त भुगतान को माना जाएगा कि इनका इस्तेमाल निजी फायदे के लिए किया गया।

आदेश में कहा गया कि एनजीओ को निजी सुनवाई का अवसर दिया गया, लेकिन इसकी ओर से दिया गया जवाब और उपलब्ध कराए गए दस्तावेज 'संतोषजनक नहीं' थे क्योंकि उसमें उल्लंघनों के बारे में पर्याप्त स्पष्टीकरण नहीं दिया गया था।

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