तिहाड़ जेल के बाहर बुधवार को उस समय अफरा-तफरी मच गयी जब आप संयोजक अरविंद केजरीवाल को यहां भेजे जाने के बाद शाम को बड़ी संख्या में उनकी पार्टी के कार्यकर्ता निषेधाज्ञा का उल्लंघन करते हुए पुलिस से उलझ गए।
वरिष्ठ पार्टी नेता योगेंद्र यादव समेत अनेक आप कार्यकर्ताओं को पुलिस ने झड़प के बाद हिरासत में ले लिया।
इससे पहले भाजपा नेता नितिन गडकरी द्वारा दाखिल मानहानि के मामले में केजरीवाल को पटियाला हाउस अदालत में हिरासत में लिये जाने के बाद आप के कार्यकर्ताओं को मोबाइल संदेश भेजे जाने लगे और तिहाड़ जेल के गेट नंबर 3 के बाहर इकट्ठा होने को कहा गया।
जैसे ही जेल के बाहर आप समर्थक जमा होने लगे, पुलिस ने उन्हें वहां से हटाना शुरू कर दिया। जेल के बाहर धारा 144 भी लागू कर दी गई।
आप नेता राखी बिड़ला, मनीष सिसौदिया और संजय सिंह भी जेल के बाहर मौजूद थे और पार्टी कार्यकर्ताओं का नेतृत्व कर रहे थे।
सिंह ने कहा, ‘‘अगर भ्रष्ट व्यक्ति को भ्रष्ट कहना अपराध है तो हमें भी जेल भेज दो या फांसी पर लटका दो। यह तानाशाही है।’’ यादव ने लोगों को हटाने के पुलिस के कदम पर कहा, ‘‘हम कुछ गैरकानूनी काम नहीं कर रहे। जो भ्रष्टाचार में लिप्त हैं, वे अपने कमरों में बैठे हैं और मजे ले रहे हैं और जो भ्रष्टाचार का विरोध कर रहे हैं उन्हें जेल भेजा जा रहा है। यह किस तरह का न्याय है?’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह पुलिस का मनमानापन है। महिला प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए महिला पुलिस होनी चाहिए।’’ मौके पर मौजूद एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि महिला पुलिसकर्मियों को बुलाया गया है कहा कि उन्होंने मौके से महिला प्रदर्शनकारियों को हटाने का प्रयास नहीं किया।
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