'आप' नेताओं की प्रेस कॉन्फ्रेंस...
नई दिल्ली:
डीडीसीए में भ्रष्टाचार को लेकर आम आदमी पार्टी ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि दिल्ली सचिवालय में रेड के पीछे वित्तमंत्री अरुण जेटली का हाथ है। पिछले 15 सालों में डीडीसीए में जेटली की सहमति से भ्रष्टाचार हुआ। सिलेक्शन से लेकर जिलों में फर्जीवाडा़, नियुक्तियों से लेकर पैंसों के लेन-देन में गड़बड़ी की गई है। हमारे वित्तमंत्री की देखरेख में करोड़ों का भ्रष्टाचार किया गया है।
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के मुख्य बिंदु
डीडीसीए के उपाध्यक्ष चेतन चौहान ने कहा कि जो भी आरोप लगे हैं, वे सभी बेबुनियाद हैं। डीडीसीए में किसी तरह की वित्तीय गड़बड़ी नहीं हुई। हम कुछ छुपाना नहीं चाहते। हम चाहते हैं पूरी पारदर्शिता के साथ काम हो। डीडीसीए गैर-कानूनी तरीके से काम नहीं कर रहा। अरुण जेटली के वक्त कुछ भी गलत नहीं हुआ। जेटली के बाद के अध्यक्ष की हमने शिकायत की। हम किसी को बचा नहीं रहे हैं।
'आप' के आरोपों पर चौहान ने कहा, स्टेडियम 114 करोड़ रुपये में बना है। मुंबई और चेन्नई का स्टेडियम करीब 300 करोड़ रुपये में बना है। हमने तो दूसरों के मुकाबले कम खर्च में काम किया है। फ्लड लाइट लगाने में 1.65 करोड़ रुपये खर्च हुए। जेटली की वजह से इतना अच्छा स्टेडियम बना।
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(एनडीटीवी इन आरोपों की पुष्टि नहीं करता, ऊपर दी गई खबर आम आदमी पार्टी की प्रेस कॉन्फ्रेंस के आधार पर बनाई गई है)
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के मुख्य बिंदु
- डीडीसीए ने अरुण जेटली की अध्यक्षता में स्टेडियम के लिए 24 करोड़ का बजट बनाया, लेकिन 114 करोड़ खर्च किए गए। 90 करोड़ रुपये का क्या हिसाब है?
- कुल 9 कंपनियों को काफी मोटी रकम का भुगतान किया गया।
- 5 कंपनियों का पता भी एक, निदेशक भी एक
- तीन कंपनियों को दिए गए कर्ज का कोई हिसाब नहीं।
- डीडीसीए के खजांची नरेंद्र बतरा से अरुण जेटली का क्या रिश्ता है
- जो व्यक्ति DDCA का कानूनी रूप से ऑडिटर है, उसके खिलाफ खुद इस बैलेंस शीट को लेकर करप्शन के लेकर आरोप हैं।
- डीडीसीए में स्कूल कॉलेजों के बच्चे नहीं खेल सकते। इसे एलीट क्लास का क्लब बना दिया गया
- एक ही काम के लिए 16 कंपनियों को पैसे दिए गए
- डीडीसीए के कंस्ट्रक्शन में घोटाला हुआ
- 1.55 करोड़ का लोन तीन कंपनियों को दिया और कंपनियों को दिए लोन पर कोई ठोस जवाब नहीं
- कुछ कंपनियों को बिना काम के पैसे दिए गए
- 'आप' ने कहा कि हम वित्त मंत्री अरुण जेटली के इस्तीफे और इस पूरे मामले में जांच की मांग करते हैं।
- जब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस मसले पर जांच आयोग बिठाने की बात की तो छापे मारे गए
- डीडीसीए में फर्जी मुकदमों और फर्जी बिलों से पैसा बनाया
- साथ ही टीम के चयन में धांधली, डीडीसीए को बनाया एलीट क्लब
डीडीसीए के उपाध्यक्ष चेतन चौहान ने कहा कि जो भी आरोप लगे हैं, वे सभी बेबुनियाद हैं। डीडीसीए में किसी तरह की वित्तीय गड़बड़ी नहीं हुई। हम कुछ छुपाना नहीं चाहते। हम चाहते हैं पूरी पारदर्शिता के साथ काम हो। डीडीसीए गैर-कानूनी तरीके से काम नहीं कर रहा। अरुण जेटली के वक्त कुछ भी गलत नहीं हुआ। जेटली के बाद के अध्यक्ष की हमने शिकायत की। हम किसी को बचा नहीं रहे हैं।
'आप' के आरोपों पर चौहान ने कहा, स्टेडियम 114 करोड़ रुपये में बना है। मुंबई और चेन्नई का स्टेडियम करीब 300 करोड़ रुपये में बना है। हमने तो दूसरों के मुकाबले कम खर्च में काम किया है। फ्लड लाइट लगाने में 1.65 करोड़ रुपये खर्च हुए। जेटली की वजह से इतना अच्छा स्टेडियम बना।
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(एनडीटीवी इन आरोपों की पुष्टि नहीं करता, ऊपर दी गई खबर आम आदमी पार्टी की प्रेस कॉन्फ्रेंस के आधार पर बनाई गई है)
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