एमसीडी में स्टैंडिंग कमेटी के 18वें सदस्य के चुनाव के लिए कुल 2.5 घंटे का समय तय किया गया था, लेकिन चुनाव सिर्फ 1 घंटे में ख़त्म हो गया. दरअसल, केवल बीजेपी के पार्षदों ने ही वोटिंग में हिस्सा लिया. आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने इस चुनाव का बहिष्कार किया है. वहीं, कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को ही चुनाव से दूर रहने की घोषणा कर दी थी. अरविंद केजरीवाल ने चुनाव की प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि कुछ न कुछ गड़बड़ करने की साजिश नजर आ रही है.
स्टैंडिंग कमेटी चुनाव के मुद्दे पर अरविंद केजरीवाल ने कहा, 'एमसीडी के कानून में साफ-साफ लिखा हुआ है कि सदन की सिटिंग बुलाने का अधिकार केवल मेयर को है. सदन की सिटिंग LG या कमिश्नर नहीं बुला सकते हैं. कल को लोकसभा की अध्यक्षता होम सेक्रेटरी से करवा देंगे. हम जनतंत्र में रहते हैं. कानून में लिखा है कि जब भी सदन बुलाया जाएगा तो 72 घंटे का समय दिया जाएगा. हर पार्षद को टाइम की जरूरत होती है. उनकी नीयत में खोट नजर आ रहा है. कुछ न कुछ गड़बड़ करने की साजिश नजर आ रही है, तभी ताबड़तोड़ लगे हुए हैं. मेयर ने कमिश्नर को चिट्ठी लिखकर आज होने वाले चुनाव को गैरकानूनी और असंवैधानिक बताया है और कहा है कि आज का चुनाव न कराया जाए. लेकिन फिर भी मतदान हो रहा है.'
आम आदमी पार्टी ने इससे पहले दिल्ली नगर निगम की स्टैंडिंग कमिटी के 18वें सदस्य के चुनाव में हिस्सा नहीं लेने का ऐलान किया. आप नेता मनीष सिसोदियों इसका ऐलान किया. मनीष सिसोदिया ने कहा कि मेयर ने 5 अक्टूबर तक के लिए सदन स्थगित किया है, ऐसे में आज कुछ नहीं है. MCD मेयर शैली ओबेराय ने बताया, 'मैंने MCD कमिश्नर को चिट्ठी लिखी है कि आज होने वाला चुनाव असंवैधानिक और अवैध है.'
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने बृहस्पतिवार को देर रात एक आदेश में दिल्ली नगर निगम के आयुक्त से कहा कि निगम की स्थायी समिति की एक रिक्त सीट पर चुनाव शुक्रवार को कराया जाए. इसके बाद से बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. इससे पहले इस पूरे मामले में दिनभर नाटकीय घटनाक्रम रहा जिसमें महापौर शैली ओबेरॉय ने पांच अक्टूबर तक के लिए चुनाव स्थगित कर दिया था, जबकि बाद में उपराज्यपाल ने महापौर का फैसला पलट दिया था. निगम आयुक्त अश्विनी कुमार ने देर रात जारी एक आदेश में कहा कि उपराज्यपाल ने स्थायी समिति के एक सदस्य का चुनाव शुक्रवार को दोपहर एक बजे कराने का निर्देश दिया है.
एमसीडी की स्थायी समिति की छठी सीट के लिए चुनाव बृहस्पतिवार को पूरे दिन उठापटक की स्थिति के बाद स्थगित कर दिया गया. महापौर शैली ओबेरॉय ने पांच अक्टूबर तक के लिए चुनाव स्थगित कर दिया था, जबकि बाद में उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने महापौर का फैसला पलट दिया था. चुनाव को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है. हालांकि, आम आदमी पार्टी ने साफ कर दिया है कि वह चुनाव का हिस्सा नहीं होगी.
पार्षदों की तलाशी को लेकर हुए व्यवधान के बाद एमसीडी स्थायी समिति का चुनाव स्थगित कर दिया गया और सदन की बैठक पांच अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी गई. अंतिम क्षण में हस्तक्षेप करते हुए सक्सेना ने देर रात स्थायी समिति की अंतिम रिक्त सीट के चुनाव स्थगित करने के फैसले को पलट दिया और एमसीडी आयुक्त अश्विनी कुमार को रात 10 बजे तक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था.
सक्सेना ने निर्देश दिया कि अगर महापौर चुनाव कराने से इनकार करती हैं तो उप महापौर को चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी बनाया जाए और अगर उप महापौर भी चुनाव कराने से इंकार कर दें तो सदन के सबसे वरिष्ठ सदस्य चुनाव कराएंगे. आदेश के बाद एमसीडी आयुक्त ने स्थायी समिति के छठे सदस्य के लिए चुनाव कराने का आदेश जारी किया. हालांकि, देर रा तक चुनाव को लेकर अनिश्चितता बनी रही और आखिरी समय में एमसीडी अधिकारियों ने फिर चुनाव स्थगित करने की घोषणा कर दी.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने एक बयान में कहा कि भाजपा ने एमसीडी आयुक्त से कानून और उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार चुनाव कराने को कहा है. एमसीडी की एकमात्र स्थायी समिति की सीट के लिए चुनाव की कार्रवाई पार्षदों की तलाशी के मुद्दे पर हंगामे के बीच कुछ देर के लिए स्थगित कर दी गई. यह पता लगाने के लिए तलाशी कराई जा रही थी कि पार्षदों के पास मोबाइल फोन तो नहीं है.
महापौर शैली ओबेरॉय ने दावा किया कि यह पहली बार है जब पार्षदों की सुरक्षा जांच की गई है और उन्होंने इसे अलोकतांत्रिक तथा सदन के सदस्यों के लिए अपमानजनक बताया. इससे पहले आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया ने बृहस्पतिवार को भाजपा पर नगर निगम की सदन की बैठक स्थगित होने के बावजूद देर रात स्थायी समिति सदस्य का चुनाव कराने का दबाव बनाकर एमसीडी में लोकतंत्र की ‘हत्या' करने का आरोप लगाया था.
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