
आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को आड़े हाथ लिया है.उन्होंने लंदन में आयोजित 'आइडियाज फॉर इंडिया कॉन्फ्रेंस 2025'के वैश्विक मंच से पाकिस्तान को करार जवाब देते हुए कहा कि उसे आतंकवाद को पीड़ित की तरह देखना बंद कर देना चाहिए. राघव चड्ढा ने कहा कि कूटनीति कपट से विफल हो जाती है, और आतंक सहिष्णुता को खत्म कर देता है. उन्होंने वैश्विक समुदाय को चेतावनी देते हुए कहा कि पाकिस्तान को लगातार सहायता देने से हिंसा बढ़ती है, शांति नहीं. हम दोस्ती का हाथ बढ़ाते हैं लेकिन अगर उकसाया जाए तो यह प्रतिशोध का रूप ले सकता है.
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राघव चड्ढा ने पाकिस्तान को लताड़ा
उन्होंने स्पष्ट किया कि सीमा पार से होने वाले हमलों के सामने भारत का धैर्य असीमित नहीं है. चड्ढा ने कहा कि हाल ही में जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में एक दुर्भाग्यपूर्ण आतंकवादी हमला हुआ. यह बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है कि हम इस बहुध्रुवीय दुनिया में भारत की रणनीतिक स्वायत्तता को उजागर करें. यह इस तथ्य में भी परिलक्षित होता है कि पहलगाम में सबसे कायरतापूर्ण हमले के बाद, जिसमें 26 नागरिकों की हत्या कर दी गई थी, भारत ने जवाबी कार्रवाई अपने हिसाब से की.
दोस्ती का हाथ प्रतिशोध की मुट्ठी भी बन सकता है
राघव चड्ढा ने आगे कहा कि भारत ने दुनिया के अपने साझेदारों से कहा कि हम सभी शांति के पक्षधर हैं, लेकिन हमारी शांतिप्रियता को हमारी कमजोरी न समझें. जब हम दोस्ती का हाथ बढ़ाते हैं और अगर कोई गलत काम करता है, तो दोस्ती का वह हाथ बहुत जल्दी प्रतिशोध की मुट्ठी बन सकता है. परिणामस्वरूप, भारत ने जवाब दिया.
पाकिस्तान में आतंकी ढांचे को ध्वस्त किया
भारत ने बिना किसी उकसावे के, सटीक, मापी हुई त्वरित प्रतिक्रिया दी, जिसमें सीमा पार हमले किए गए और सीमा पार आतंकी ढांचे को ध्वस्त किया गया, न कि नागरिक, न ही सैन्य ठिकानों को, बल्कि आतंकी ढांचे को ध्वस्त किया गया. मुझे लगता है कि यह एक नया मानदंड बन गया है और यह इस तथ्य को रेखांकित करता है कि आज सीमा पार हमले और पाकिस्तान में आतंकी ढांचे को ध्वस्त करना अपवाद नहीं है.
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