Aadhaar Case in Supreme Court Live Updates:
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सुरक्षा मामलों में एजेंसियां मांग सकती है आधार
-न्यायालय ने लोकसभा में आधार विधेयक को धन वियेयक के रूप में पारित करने को बरकरार रखा.
जानें कौन हैं सुप्रीम कोर्ट के वे 5 जज, जिन्होंने आधार की संवैधानिकता पर दिया बड़ा फैसला
- UGC, NEET तथा CBSE परीक्षाओं के लिए आधार अनिवार्य नहीं होगा. कोर्ट की अनुमति के बिना बायोमीट्रिक डेटा किसी एजेंसी को नहीं दिया जाएगा.
#CORRECTION: Supreme Court on #Aadhaar: Aadhaar is NOT mandatory for UGC, NEET & CBSE examinations. (Original tweet will be deleted) https://t.co/KaCTudDHtb
— ANI (@ANI) September 26, 2018
- सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला- आधार अधिनियम की धारा 57 हटी.
Supreme Court strikes down the section 57 of Aadhaar Act; as a result, private companies cannot ask for Aadhaar card pic.twitter.com/sg9HMax86L
— ANI (@ANI) September 26, 2018
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कुछ शर्तों के साथ आधार वैध.
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आधार को मोबाइल से लिंक करना भी जरूरी नहीं होगा.
आधार अधिनियम 2016 की 5 खास बातें, सुप्रीम कोर्ट में इसी एक्ट पर चल रहा था केस
- जस्टिस सीकरी ने कहा, किसी भी बच्चे को आधार नंबर नहीं होने के कारण लाभ/सुविधाओं से वंचित नहीं किया जा सकता है.
- बैंक खाते से आधार को लिंक करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया.
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आधार से पैन कार्ड को जोड़ने का फैसला बरकरार रहेगा.Supreme Court says, "Aadhaar not mandatory for opening of bank account" pic.twitter.com/zCTwJiyNgm
— ANI (@ANI) September 26, 2018
- सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया और कहा कि आधार की संवैधानिकता कुछ बदलावों के साथ बरकरार.
आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- अब स्कूल-सिम और बैंक के लिए आधार जरूरी नहीं, जानें कहां जरूरी और कहां गैर जरूरी होगा आधार
- आधार से निजता के हनन के सबूत नहीं मिले- सुप्रीम कोर्ट
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अवैध प्रवासियों को आधार न दिया जाए.
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्कूलों में आधार जरूरी नहीं.
Aadhaar Verdict: सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला, स्कूलों में बिना आधार मिलेगा एडमिशन
- सुप्रीम कोर्ट ने फैसला पढ़ते वक्त कहा था कि आधार से बड़े वर्ग को फायदा.
- यूजीसी और निफ्ट जैसी संस्थाएं आधार नहीं मांग सकती- सुप्रीम कोर्ट
- कोर्ट ने कहा कि प्राइवेट पार्टी भी डेटा नहीं देख सकती है.
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आधार के पीछे तार्किक सोच. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऑथेंटिकेशन डाटा सिर्फ 6 महीने तक ही रखा जा सकता है. कम से कम डेटा होना चाहिए.
आधार कार्ड पर सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला, जानें 10 बड़ी बातें
- आधार की अनिवार्यता पर फैसला पढ़ते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, बायोमीट्रिक डेटा की नकल नहीं की जा सकती.
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोई मोबाइल और निजी कंपनी आधार नहीं मांग सकती
- Aadhaar Card Versict Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने भी माना कि आधार आम आदमी की पहचान है.
- जस्टिस सीकरी पढ़ रहे हैं आधार पर बहुमत का फैसला. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यूनिक का मतलब सिर्फ एक से है.
सुप्रीम कोर्ट ने - सुप्रीम कोर्ट ने फैसला पढ़ते वक्त कहा कि आधार से समाज के बिना पढ़े-लिखे लोगों को पहचान मिली है.Justice AK Sikri while reading out verdict in Supreme Court on constitutional validity of #Aadhaar, says, "It is better to be unique than to be best."
— ANI (@ANI) September 26, 2018
- आधार का डुप्लीकेट बनाना संभव नहीं, साथ ही समाज के हाशिये वाले वर्ग को आधार से ताकत - सुप्रीम कोर्ट
- जस्टिस सीकरी बहुमत का फैसला पढ़ रहे हैं.
- सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सीकरी ने आधार की संवैधानिक वैधता पर फैसला पढ़ना शुरू किया
-आधार को लेकर कोर्ट में सरकार का पक्ष रखने वाले महाधिवक्ता मुकुल रोहतगी का कहना है, "इस फैसले का असर बहुत दूर तक होगा, क्योंकि आधार बहुत-सी सब्सिडी से जुड़ा है... यह लूट और बरबादी को रोकने में भी कारगर है, जो होती रही हैं... मुझे उम्मीद है कि फैसला आधार के हक में आएगा... डेटा की सुरक्षा बेहद अहम है, और सरकार यह स्पष्ट कर चुकी है कि वह डेटा की सुरक्षा करेगी... इस सिलसिले में कानून भी लाया जा रहा है..."
- उम्मीद की जा रही है कि सुप्रीम कोर्ट आधार की संवैधानिकता पर आज 10.45 बजे अपना अहम फैसला सुना सकता है.The judgement will have a far reaching effect because #Aadhaar is relevant for a large no. of subsidies. It is also relevant to plug loot & waste that has happened. I hope the judgement is in favour of #Aadhaar: Mukul Rohatgi, as AG he represented the government in Aadhaar case pic.twitter.com/Eb7ai0BNaQ
— ANI (@ANI) September 26, 2018
वहीं, याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि आधार अनिवार्य नहीं किया जा सकता और यह निजता के अधिकार का उल्लंघन करता है. याचिकाकर्ताओं ने आधार कानून पर भी तर्क दिया कि ये मानव जीवन को प्रभावित करता है और ये कानून के रूप में नहीं रह सकता. आधार की अनिवार्यता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की सविंधान पीठ के पास है.
आधार को सिम से जोड़ने का कोई आदेश नहीं, फिर सर्कुलर में कैसे : सुप्रीम कोर्ट
38 सुनवाई हुई सुप्रीम कोर्ट में. 17 जनवरी से शुरु हुई थी आधार की सुनवाई. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए के सीकरी, जस्टिस ए एम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड और जस्टिस अशोक भूषण की संविधान पीठ ने की थी सुनवाई. आधार पर फैसला आने तक सामाजिक कल्याणकारी योजनाओं के अलावा बाकी सभी केंद्र व राज्य सरकारों की योजनाओं में आधार की अनिवार्यता पर रोक लगाई गई है। इनमें मोबाइल सिम व बैंक खाते भी शामिल हैं. AG के के वेणुगोपाल ने कोर्ट में कहा कि ये सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में दूसरी सबसे बडी सुनवाई है इससे पहले 1973 में मौलिक अधिकारों को लेकर केशवानंद भारती केस की सुनवाई करीब पांच महीने चली थी.
VIDEO: आधार कार्ड की अनिवार्यता पर SC की संविधान पीठ आज सुनाएगी फैसला
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