विज्ञापन
This Article is From Feb 09, 2024

"सच्ची श्रद्धांजलि..." : पिता एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न देने पर बोलीं सौम्या स्वामीनाथन

कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न (मरणोपरांत) दिए जाने पर उनकी बेटी डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कहा, "यह गर्व और संतुष्टि की बात है कि मेरे पिता के जीवन भर के काम को भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मान्यता दी है."

"सच्ची श्रद्धांजलि..." : पिता एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न देने पर बोलीं सौम्या स्वामीनाथन
डॉ. सौम्या स्वामीनाथन विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) में चीफ साइंटिस्ट और डिप्टी जनरल डायरेक्टर रह चुकी हैं.
नई दिल्ली:

कृषि वैज्ञानिक और देश में 'हरित क्रांति' के जनक एमएस स्वामीनाथन (MS Swaminathan) को केंद्र सरकार ने शुक्रवार को ‘भारत रत्न' (Bharat Ratna)से सम्मानित किये जाने का ऐलान किया है. स्वामीनाथन की बेटी डॉ. सौम्या स्वामीनाथन (Dr Soumya Swaminathan) ने सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि उनके पिता इसे पाकर खुश होते, लेकिन उन्होंने कभी पुरस्कारों के लिए काम नहीं किया.

डॉ. सौम्या स्वामीनाथन विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) में चीफ साइंटिस्ट और डिप्टी जनरल डायरेक्टर रह चुकी हैं. उन्होंने कहा, "हम गौरवान्वित और खुश महसूस कर रहे हैं. मेरे पिता के काम को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान के रूप में मान्यता दी गई है. यह मेरे पिता को सच्ची श्रद्धांजलि है." डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि उनके पिता के लिए किसानों का प्रेम काफी मायने रखता था.

देश में पहली बार रिकॉर्ड 5 लोगों को मिला भारत रत्न

युवाओं को लिए एक मजबूत मैसेज
स्वामीनाथन ने यह भी कहा कि सरकार का फैसला उनके परिवार, दोस्तों, छात्रों और शुभचिंतकों को खुशी देगा. इसके साथ ही ये युवाओं को एक मजबूत मैसेज देगा कि वे साइंस और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल समाज की भलाई के लिए कर सकते हैं.

मेरे पिता के योगदान को सरकार ने दी मान्यता
सौम्या स्वामीनाथन ने कहा, "यह सम्मान कृषि के क्षेत्र में मेरे पिता के दिए गए आजीवन योगदान को मान्यता है. लेकिन इससे भी कहीं अधिक यह देश में किसानों के कल्याण और समाज में सबसे गरीब, सर्वाधिक कमजोर लोगों के कल्याण के लिए है."

उन्होंने कहा कि यह गर्व और संतुष्टि की बात है कि उनके पिता के जीवन भर के काम को भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मान्यता दी है. मुझे यकीन है कि अगर यह खबर उनके जीवनकाल में आई होती, तो उन्हें भी खुशी होती. लेकिन वह कभी भी ऐसे व्यक्ति नहीं रहे, जो पुरस्कारों के लिए काम करते हों या मान्यता पाने के लिए इंतजार करते हों."

किसानों का प्यार उनके लिए असली पुरस्कार- सौम्या
उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें बहुत सारे पुरस्कार और मान्यता मिली, लेकिन उन्होंने जमीनी स्तर पर जो काम किया उसके परिणाम और लोगों के प्यार व स्नेह से उन्हें अधिक प्रेरणा मिली.''डॉ. सौम्या ने कहा कि किसान उनसे मिलते थे. उनके प्रति अपना आभार और प्रेम व्यक्त करते थे. यही उनके लिए बहुत मायने रखता था. डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कहा, "बेशक, यह एक अलग तरह की मान्यता है. इसलिए निश्चित रूप से इससे उन्हें बहुत खुशी होती." 

चौधरी चरण सिंह, पीवी नरसिम्हा राव और डॉ. स्वामीनाथन को भारत रत्न सम्मान

पीएम मोदी ने किया भारत रत्न देने का ऐलान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में एमएस स्वामीनाथन को ‘भारत रत्न' से नवाजे जाने की घोषणा की. पीएम ने कहा कि सरकार कृषि और किसान कल्याण में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए उन्हें भारत रत्न से सम्मानित कर रही है.

पीएम मोदी ने कहा, ‘‘एमएस स्वामीनाथन ने चुनौतीपूर्ण समय में भारत को कृषि में आत्मनिर्भरता हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. भारतीय कृषि के आधुनिकीकरण की दिशा में उत्कृष्ट प्रयास किए.''

स्वामीनाथन का पिछले साल हुआ था निधन
स्वामीनाथन के नेतृत्व में 60 और 70 के दशक में वैज्ञानिक अनुसंधान के जरिए देश में अनाज उत्पादन में रिकॉर्ड वृद्धि हुई थी. स्वामीनाथन का पिछले साल 28 सितंबर को चेन्नई में निधन हो गया. वह 98 वर्ष के थे. स्वामीनाथन को उनके कार्य के लिए 1987 में पहला विश्व खाद्य पुरस्कार मिला था.

भारत रत्न कृषि वैज्ञानिक एमएस स्‍वामीनाथन को आज भी याद करता है दिल्‍ली का यह गांव, जानें कनेक्शन

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com