नरेंद्र मोदी सरकार ने इस साल पहली बार 5 शख्सियतों को भारत रत्न देने की घोषणा की है. इनमें बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर, भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व गृहमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी, हरित क्रांति के जनक एम एस स्वामीनाथन, पूर्व प्रदानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव, पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह हैं. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर घोषणा की है.
पीएम मोदी ने शुक्रवार को अपने सोशल मीडिया मंच पर जानकारी देते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, पी वी नरसिम्हा राव और मशहूर वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न' (मरणोपरांत) से सम्मानित किया जाएगा. कुछ दिनों पहले ही मोदी सरकार ने लालकृष्ण आडवाणी और कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का ऐलान किया था. आइए जानते हैं, वो कौन बेहद खास दिग्गज हैं, जिन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा.
चौधरी चरण सिंह
1902 में उत्तर प्रदेश के मेरठ में जन्मे चरण सिंह 28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 तक प्रधान मंत्री रहे.
वह पहली बार 1937 में छपरौली से उत्तर प्रदेश विधान सभा के लिए चुने गए थे. उन्होंने 1946, 1952, 1962 और 1967 में निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया. वह दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे, पहले 1967 में और फिर 1970 में.
पी वी नरसिम्हा राव
पूर्व पीएम पी वी नरसिम्हा राव को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा. पीवी नरसिम्हा राव 21 जून 1991 से 16 मई 1996 तक प्रधानमंत्री रहे. उनका जन्म 1921 में आंध्र प्रदेश के करीमनगर में हुआ था और उन्होंने हैदराबाद के उस्मानिया विश्वविद्यालय, बॉम्बे विश्वविद्यालय और नागपुर विश्वविद्यालय से पढ़ाई की. एक कृषक और वकील, उन्होंने विदेश मंत्री के रूप में भी कार्य किया. पीवी नरसिम्हा राव देश के 9वें प्रधानमंत्री थे. उन्हें देश में आर्थिक सुधारों के जनक के रूप में भी जाना जाता है. पीवी नरसिम्हा राव को राजनीति के अलावा कला, संगीत और साहित्य आदि विभिन्न क्षेत्र में अच्छी समझ रखते थे. उन्हें कई भाषाएं आती थी. यही थी कि वह बोलचाल में कई भाषाओं का इस्तेमाल करते थे.
एम एस स्वामीनाथन
एम एस स्वामीनाथन का जन्म 7 अगस्त, 1925 को तमिलनाडु में हुआ था. उनका पूरा नाम मनकोम्बु संबाशिवन स्वामीनाथन था.1972 और 1979 के बीच, डॉ. स्वामीनाथन ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक और भारत सरकार में कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग के सचिव के रूप में काम किया. कृषि जगत में उनके अहम योगदान के चलते उन्हें कई प्रतिष्ठित पुरस्कार से नवाजा गया है, जिनमें 1971 में सामुदायिक नेतृत्व के लिए रेमन मैग्सेसे पुरस्कार और 1987 में विश्व खाद्य पुरस्कार शामिल हैं. उन्हें 1967 में पद्म श्री, 1972 में पद्म भूषण और 1989 में पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया था.
लाल कृष्ण आडवाणी
पूर्व डिप्टी प्रधानमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी को भी भारत रत्न देने का ऐलान किया जा चुका है. बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी 1986-90, 1993-98 और 2004-05 तक बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे थे.
लगभग तीन दशकों के संसदीय करियर में, आडवाणी 1999 से 2004 तक पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के मंत्रिमंडल में पहले गृह मंत्री और बाद में उप प्रधान मंत्री रहे.
कर्पूरी ठाकुर
बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर को सबसे पहले भारत रत्न देने का ऐलान किया गया था. कर्पूरी ठाकुर 1970 के दशक में दो बार बिहार के मुख्यमंत्री रहे, पहले दिसंबर 1970 से जून 1971 तक और फिर दिसंबर 1977 से अप्रैल 1979 तक.
वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव सहित राज्य के कई वर्तमान पीढ़ी के नेताओं के गुरु रहे थे.
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