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This Article is From Mar 09, 2018

9000 से ज्‍यादा लोगों ने जानबूझ कर नहीं चुकाया सरकारी बैंकों से लिया गया लोन

नीरव मोदी और मेहुल चोकसी ही नहीं, 9000 से ज़्यादा लोग ऐसे हैं जो बैंक का पैसा जानबूझ कर नहीं चुका रहे. ये जानकारी शुक्रवार को वित्त राज्यमंत्री शिव प्रकाश शुक्ला ने लोकसभा में दी.

9000 से ज्‍यादा लोगों ने जानबूझ कर नहीं चुकाया सरकारी बैंकों से लिया गया लोन
प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर
नई दिल्‍ली: सरकारी बैंकों से लोन लेकर जानबूझ नहीं चुकाने वालों की संख्या हज़ारों में है. शुक्रवार को वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने लोकसभा में दिए लिखित जवाब में माना है कि पिछले साल के अंत तक सरकारी बैंकों के 9000 से ज़्यादा विलफुल डिफॉल्टर्स हैं. नीरव मोदी और मेहुल चोकसी ही नहीं, 9000 से ज़्यादा लोग ऐसे हैं जो बैंक का पैसा जानबूझ कर नहीं चुका रहे. ये जानकारी शुक्रवार को वित्त राज्यमंत्री शिव प्रकाश शुक्ला ने लोकसभा में दी. शिव प्रकाश शुक्ला ने बताया कि सरकारी बैंकों से मिली जानकारी के मुताबिक 31 दिसंबर 2017 तक जानबूझकर कर्ज ना लौटाने वालों की संख्या 9063 थी. मौजूदा वित्तीय साल के पहले 9 महीनों में ये 1.66% की बढ़ोत्तरी है.

जानबूझकर कर्ज ना लौटाने की वजह से सरकारी बैंकों का 1,10,050 करोड़ फंसा हुआ है. वसूली के लिए बैंकों ने 2,108 एफआइआर की है, 8462 केस किए हैं. कांग्रेस का आरोप है कि ये सब सरकार की मिलीभगत से हो रहा है, सबूत नीरव मोदी और मेहुल चौकसी जैसे लोगों का बच निकलना है.

राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आज़ाद ने एनडीटीवी से बातचीत में मांग की कि मोदी सरकार नीरव मोदी और मेहुल चौकसी को भारत लाने के लिए extradition proceeding शुरू करे. इससे पहले वित्त राज्य मंत्री संसद में ये जानकारी रख चुके हैं कि सरकारी बैंकों में फ्रॉड के साढ़े आठ हज़ार से ज़्यादा मामले हो चुके हैं. साफ है, इन आंकड़ों से देश में सरकारी बैंकिंग व्यवस्था के काम-काज पर फिर बड़े और गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं.

VIDEO: 9000 से ज्यादा विलफुल डिफॉल्टर : वित्त राज्य मंत्री

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