नागरिक उड्डयन महानिदेशालय यानी डीजीसीए ने 90 स्पाइसजेट पायलटों को बोइंग 737 मैक्स उड़ाने से रोक दिया है. दरअसल नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने सिम्युलेटर ट्रेनिंग में खामियों का पता लगाने के बाद ये फैसला किया. डीजीसीए प्रमुख अरुण कुमार ने एक बयान में कहा, "फिलहाल, हमने इन सभी पायलटों को मैक्स उड़ाने से रोक दिया है और उन्हें विमान को उड़ाने के लिए सफलतापूर्वक फिर से प्रशिक्षण लेना होगा."
इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि अगर कोई इसका पालन नहीं करेगा तो फिर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. मैक्स सिम्युलेटर पर पायलटों को उचित तरीके से फिर से प्रशिक्षण लेना होगा. बोइंग 737 मैक्स विमानों को भारत में DGCA द्वारा 13 मार्च, 2019 को अदीस अबाबा के पास इथियोपियाई एयरलाइंस 737 मैक्स विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के तीन दिन बाद खड़ा किया गया था, जिसमें चार भारतीयों सहित 157 लोग मारे गए थे.
इन विमानों पर से प्रतिबंध पिछले साल अगस्त में हटा लिया गया था, जब डीजीसीए अमेरिका स्थित विमान निर्माता बोइंग के विमान में आवश्यक सॉफ्टवेयर सुधारों से संतुष्ट था. 27 महीने की अवधि के बाद मैक्स विमानों पर से प्रतिबंध हटाने के लिए डीजीसीए की शर्तों में सिम्युलेटर पर उचित पायलट प्रशिक्षण भी शामिल था. स्पाइसजेट के एक प्रवक्ता ने आज पुष्टि की कि डीजीसीए ने एयरलाइन के 90 पायलटों को मैक्स विमान उड़ाने से प्रतिबंधित कर दिया है.
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स्पाइसजेट के पास बोइंग 737 मैक्स पर प्रशिक्षित 650 पायलट हैं. प्रवक्ता ने कहा, "यह प्रतिबंध मैक्स विमान के संचालन को प्रभावित नहीं करता है. स्पाइसजेट वर्तमान में 11 मैक्स विमान संचालित करता है और इन विमानों को संचालित करने के लिए लगभग 144 पायलटों की जरूरत है.""मैक्स पर 650 प्रशिक्षित पायलटों में से 560 अभी भी उपलब्ध हैं, जो वर्तमान आवश्यकता से बहुत अधिक है." स्पाइसजेट एकमात्र भारतीय एयरलाइन है जिसके बेड़े में मैक्स विमान है.
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