हैदराबाद जू में रखे गए आठ एशियाई शेरों (Asiatic lions) में SARS-CoV2 वायरस के कांटेक्ट में आने के बाद सांस की परेशानी (Respiratory distress) का पता चला चला है. वन और पर्यावरण मंत्रालय की ओर से मंगलवार को बताया गया है कि इन आठों शेरों को आइसोलेट किया गया है और इलाजत का उन पर असर हो रहा है. केंद्र ने कहा है कि शेरों में जिस वायरस का पता चला है वह इंसानों के लिए चिंता का कारण नहीं है. इसके जानवरों से फैलने के कोई सुबूत नहीं है. इसके साथ ही सरकार ने मीडिया से भी इस मामले की रिपोर्टिंग में सतर्कता बरतने का आग्रह किया है.
इस विज्ञप्ति में कहा गया है, '24 अप्रैल को सावधानी के साथ, हैदराबाद के नेहरू जूलॉजिकल पार्क में आठ एशियाटिक शेरों के सैंपल ( एनेस्थीसिया के बाद नाक, गले और respiratory tract से) लिए गए थे. इसमें सांस लेने की तकलीफ के संकेत मिले थे.' इसके अनुसार, विस्तृत डायग्नोस्टिक टेस्ट्स के बाद अब इस बात की पुष्टि हुई है कि शेर SARS-CoV2 virus के लिए पॉजिटिव पाए गए हैं.' आगे की जांच में खुलासा हुआ है कि यह संक्रमण, इंसान के लिए किसी भी तरह की चिंता का कारण नहीं है.
केंद्र सरकार की ओर से कहा गया है कि शेर सामान्य व्यवहार कर रहे हैं और वे अच्छी तरह से खा रहे हैं. पूरे स्टाफ के लिए ऐहतियाती उपाय (Preventive measures) किए गए हैं. जू को बंद किया गया है ताकि बाहरी संपर्क (External contact) कम से कम हो. सेंट्रल जू अथॉरिटी (CZA)ने सभी पूर्व ऐहतियाती उपाय किए है और SARS CoV-2 के केसों के इजाफे के चलते गाइडलाइंस जारी की है. CZA की ओर से कहा गया है, 'दुनिया के अन्य जू के जानवरों के अनुभव के आधार पर यह पता चला है कि इस बात के सुबूत नहीं है कि जानवरों से यह वायरस इंसानों में फैले.' मीडिया को इसकी रिपोर्टिंग को लेकर अत्यधिक सावधानी बरतने का आग्रह भी किया गया है.
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