
सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट से मिलेगा बढ़ा वेतन
नई दिल्ली:
मोदी कैबिनेट के सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट को कुछ संशोधनों के साथ 29 जून को स्वीकारने के फैसले के बाद से केंद्रीय कर्मचारियों में इसको लेकर जहां उत्सुकता बढ़ी है, वहीं, इससे जुड़ी आए दिन नई खबरों के बीच कई सवाल भी पैदा हुए हैं।
देश के करीब 47 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और करीब 53 लाख पेंशनधारियों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों और सरकार द्वारा किए गए बदलावों को बाद बढ़ी हुई सैलरी का इंतजार है।
अब खबर आ रही है कि कुछ कर्मचारी संगठनों के न्यूनतम वेतनमान और कुछ भत्तों को लेकर उठाए गए सवालों के चलते सरकार ने वेतनमान तो तुरंत प्रभाव से लागू करने का निर्णय तो लिया था, वहीं भत्तों पर और अध्ययन के लिए मामला वित्त सचिव की अध्यक्षता में बनी एक समिति के पास भेज दिया है। अब यह समिति चार महीनों में अपनी रिपोर्ट देगी। इस समिति की रिपोर्ट आने के बाद केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारियों को इस लाभ मिलेगा। (ये भी पढ़ें : 7वें वेतन आयोग पर कई शंका दूर कर देगा वित्तमंत्रालय द्वारा जारी 11 बिंदुओं का ये बयान)
इससे अब यह साफ हो गया है कि जहां बेसिक सैलरी में 14.27 प्रतिशत की जो बढ़ोतरी हुई थी अब कर्मचारियों को केवल वही मिलेगा और भत्तों पर हुई बढ़ोतरी अब समिति के निर्णय के बाद ही तय होगी। वेतन आयोग की सिफारिश में जो 23.55 प्रतिशत की कुल बढ़ोतरी की बात कही जा रही थी अब वह घटकर 14.27 प्रतिशत ही रह गई है। (ये भी पढ़ें : 7वें वेतन आयोग में उलझे हैं तो इस खबर को जरूर पढ़ें, आपके कुछ प्रश्नों के जवाब यहां हैं)
इस बारे में कर्मचारी यूनियनों के संयुक्त संगठन एनजेसीए के संयोजक शिव गोपाल मिश्रा ने एनडीटीवी को बताया कि सरकार ने सभी अलाउंसेस के मामले को समिति के पास भेज दिया है। उन्होंने बताया कि कर्मचारी संगठनों की मांग केवल इतनी थी कि जो अलाउंस वेतन आयोग ने समाप्त किए हैं उन पर कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों से बातचीत कर कोई समाधान निकाला जाए। लेकिन सरकार ने सभी अलाउंस को समिति के पास भेज दिया है।
कुछ कर्मचारी संगठन सरकार के इस निर्णय से आहत है कि सरकार ने मिल रहे सभी अलाउंस पर जैसे तात्कालिक रोक लगा दी है। उन लोगों का तो यहां तक कहा है कि सरकार ने केवल डीए (महंगाई भत्ता) छोड़कर बाकी सब को समिति के पास भेज दिया है।
देश के करीब 47 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और करीब 53 लाख पेंशनधारियों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों और सरकार द्वारा किए गए बदलावों को बाद बढ़ी हुई सैलरी का इंतजार है।
अब खबर आ रही है कि कुछ कर्मचारी संगठनों के न्यूनतम वेतनमान और कुछ भत्तों को लेकर उठाए गए सवालों के चलते सरकार ने वेतनमान तो तुरंत प्रभाव से लागू करने का निर्णय तो लिया था, वहीं भत्तों पर और अध्ययन के लिए मामला वित्त सचिव की अध्यक्षता में बनी एक समिति के पास भेज दिया है। अब यह समिति चार महीनों में अपनी रिपोर्ट देगी। इस समिति की रिपोर्ट आने के बाद केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारियों को इस लाभ मिलेगा। (ये भी पढ़ें : 7वें वेतन आयोग पर कई शंका दूर कर देगा वित्तमंत्रालय द्वारा जारी 11 बिंदुओं का ये बयान)
इससे अब यह साफ हो गया है कि जहां बेसिक सैलरी में 14.27 प्रतिशत की जो बढ़ोतरी हुई थी अब कर्मचारियों को केवल वही मिलेगा और भत्तों पर हुई बढ़ोतरी अब समिति के निर्णय के बाद ही तय होगी। वेतन आयोग की सिफारिश में जो 23.55 प्रतिशत की कुल बढ़ोतरी की बात कही जा रही थी अब वह घटकर 14.27 प्रतिशत ही रह गई है। (ये भी पढ़ें : 7वें वेतन आयोग में उलझे हैं तो इस खबर को जरूर पढ़ें, आपके कुछ प्रश्नों के जवाब यहां हैं)
इस बारे में कर्मचारी यूनियनों के संयुक्त संगठन एनजेसीए के संयोजक शिव गोपाल मिश्रा ने एनडीटीवी को बताया कि सरकार ने सभी अलाउंसेस के मामले को समिति के पास भेज दिया है। उन्होंने बताया कि कर्मचारी संगठनों की मांग केवल इतनी थी कि जो अलाउंस वेतन आयोग ने समाप्त किए हैं उन पर कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों से बातचीत कर कोई समाधान निकाला जाए। लेकिन सरकार ने सभी अलाउंस को समिति के पास भेज दिया है।
कुछ कर्मचारी संगठन सरकार के इस निर्णय से आहत है कि सरकार ने मिल रहे सभी अलाउंस पर जैसे तात्कालिक रोक लगा दी है। उन लोगों का तो यहां तक कहा है कि सरकार ने केवल डीए (महंगाई भत्ता) छोड़कर बाकी सब को समिति के पास भेज दिया है।
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