पश्चिम बंगाल (West Bengal) के मालदा में एक 60 साल का शख्स नाव पर ही जिंदगी जीने को मजबूर है. बुजुर्ग पिछले चार दिनों से नाव पर रह रहा है. गांव वालों ने उसे ऐसा करने पर मजबूर किया. दरअसल डॉक्टर ने उसे सलाह दी थी कि वह 14 दिनों के लिए अलग रहे, जिसके बाद बुजुर्ग ने नाव को ही अपना आशियाना बना लिया. मामला मालदा जिले का है. नाडिया जिले के नबादवीप के रहने वाले निरंजन हलदर हबीबपुर ब्लॉक के दोबापारा इलाके में बोट पर रह रहे हैं.
निरंजन हलदर ने बताया, 'कोरोना वायरस के शुरू होने के बाद मुझे बुखार हो गया था. गांव वालों ने मुझे गांव में घुसने नहीं दिया और फिर मैंने बोट पर ही रहने का विचार किया. स्थानीय डॉक्टर द्वारा 14 दिनों तक अलग रहने की सलाह मिलने के बाद ही मैंने ऐसा करने का फैसला किया.'
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हाल ही में निरंजन हलदर हबीबपुर में अपने एक रिश्तेदार के वहां गए थे. बाद में उन्हें थोड़ी शारीरिक दिक्कतें महसूस हुईं और स्थानीय डॉक्टर ने उन्हें 14 दिनों तक अलग रहने को कहा. गांव वालों को इसका पता चला, जिसके बाद उन्होंने निरंजन को गांव में घुसने नहीं दिया. उन्हें नाव पर ही रहने को मजबूर किया गया. इलाके में रहने वाले तपन बिस्वास कहते हैं कि हमने उनके लिए व्यवस्था की है. हम उन्हें खाना व अन्य जरूरत का सामान दे रहे हैं. इस मामले की जानकारी मिलने के बाद जिला प्रशासन भी सतर्कता बरत रहा है.
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