एक बड़ी मशहूर कहावत है कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती. इसी कहावत को ओडिशा के 58 वर्षीय विधायक एक बार फिर से सही साबित कर रहे हैं. फूलबनी से बीजू जनता दल (बीजद) के विधायक अंगदा कन्हार ने पारिवारिक कारणों से 1978 में शिक्षा छोड़ दी थी. लेकिन इस साल विधायक अंगदा कन्हार शुक्रवार को माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (बीएसई) द्वारा आयोजित मैट्रिक परीक्षा में पहले पेपर के लिए उपस्थित हुए. कन्हार अपने दो दोस्तों के साथ रुजंगी हाई स्कूल में अंग्रेजी का पेपर दे रहे थे.
परीक्षा हॉल में प्रवेश करने से पहले, कन्हार ने कहा, "मैं 1978 में अपनी कक्षा 10 में था, लेकिन कुछ पारिवारिक मुद्दों के कारण परीक्षा में शामिल नहीं हो सका था. हाल ही में, मुझे बताया गया कि 50 या उससे अधिक उम्र के कई लोग परीक्षा दे रहे हैं. इसलिए, मैंने भी बोर्ड परीक्षा में बैठने का फैसला किया. जाहिर सी बात है कि परीक्षा में बैठने या शिक्षित होने के लिए कोई उम्र की बाधा नहीं है."कन्हार अकेले राजनेता नहीं हैं, जो परीक्षा दे रहे हैं. उनके साथ उनका एक दोस्त जो सरपंच है, जो परीक्षा में शामिल हो रहे हैं.
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रुजंगी हाई स्कूल की हेडमास्टर अर्चना बास ने कहा, "हम अपने केंद्र पर बोर्ड परीक्षा आयोजित कर रहे हैं जो ओपन स्कूल परीक्षा है. यह उन लोगों के लिए एक विशेष परीक्षा आयोजित की जाती है, जिन्हें किसी कारण से अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ी थी. फूलबनी विधायक सहित हमारे केंद्र में एसआईओएस परीक्षा के लिए 63 छात्र उपस्थित हुए हैं. अंगद कन्हार और उनके एक दोस्त जो सरपंच हैं, यह परीक्षा 10 मई तक खत्म हो जाएगी."ओडिशा में शुक्रवार से शुरू हुई कक्षा 10वीं की राज्य बोर्ड परीक्षा में कुल 5.8 लाख छात्र शामिल हो रहे हैं.
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