प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
पीएम मोदी ने 500 और 1000 के नोट पर बैन लगाकर एक बड़ा कदम उठाया, लेकिन यह पहली बार नहीं है. 38 साल पहले गुजरात से आने वाले मोरार जी देसाई ने भी यह 1000, 5000 और 10,000 के नोट को बैन करने का फैसला लिया था. यह इत्तेफाक ही है कि इस बार भी गुजरात से ही आने वाले पीएम नरेंद्र मोदी ने यह फैसला लिया. उस समय आरबीआई गवर्नर आईजी पटेल थे और इस बार उर्जित पटेल हैं.
हालांकि 2000 का नोट लाने वाले नरेंद्र मोदी पहले पीएम हैं. 1000 के नोट दोबारा अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में वापस आए.
उस समय भी यह फैसला काले धन और उससे चल रही समांनतर अर्थव्यवस्था को रोकने के लिए किया गया था. इस फैसले को हाई डेमोमिनेशन बैंक नोट ऐक्ट 1978 के तहत लागू किया गया था.
इस कानून के तहत 16 जनवरी 1978 के बाद इन नोटों की मान्यता समाप्त कर दी गई. बड़ी कीमत वाले नोटों को ट्रांसफर या रिसीव करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया. इसके साथ ही सभी बैंकों और सरकारी संस्थानों को रिजर्व बैंक को अपने पास मौजूद बड़े नोटों की जानकारी देनी थी, जिन लोगों के पास ये बड़े नोट थे वे बैंक में जाकर 24 जनवरी 1978 तक इन नोटों को बदलवा सकते थे.
हालांकि 2000 का नोट लाने वाले नरेंद्र मोदी पहले पीएम हैं. 1000 के नोट दोबारा अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में वापस आए.
उस समय भी यह फैसला काले धन और उससे चल रही समांनतर अर्थव्यवस्था को रोकने के लिए किया गया था. इस फैसले को हाई डेमोमिनेशन बैंक नोट ऐक्ट 1978 के तहत लागू किया गया था.
इस कानून के तहत 16 जनवरी 1978 के बाद इन नोटों की मान्यता समाप्त कर दी गई. बड़ी कीमत वाले नोटों को ट्रांसफर या रिसीव करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया. इसके साथ ही सभी बैंकों और सरकारी संस्थानों को रिजर्व बैंक को अपने पास मौजूद बड़े नोटों की जानकारी देनी थी, जिन लोगों के पास ये बड़े नोट थे वे बैंक में जाकर 24 जनवरी 1978 तक इन नोटों को बदलवा सकते थे.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
नरेंद्र मोदी, मोरार जी देसाई, आईजी पटेल, उर्जित पटेल, 500 रुपये, 100 रुपये, Narendra Modi, Morarji Desai, Ig Patel