जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के पुंछ जिले में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ के दौरान 4 सैनिक शहीद और तीन घायल हो गए हैं. सेना और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ जारी है. गुरुवार दोपहर 3.45 बजे राजौरी के पुंछ क्षेत्र में डेरा की गली से गुजर रहे सेना के दो वाहनों पर आतंकवादियों द्वारा गोलीबारी किए जाने के बाद मुठभेड़ शुरू हुई. सेना गुरुवार रात से ही डेरा की गली, जिसे डीकेजी क्षेत्र भी कहा जाता है, उसमें और उसके आसपास सर्च ऑपरेशन चला रही है.
सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी है. एक सेना के प्रवक्ता ने बताया, "ठोस खुफिया जानकारी के आधार पर, कल रात डीकेजी के सामान्य क्षेत्र में एक ज्वॉइंट सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया था. अब सुरक्षाकर्मियों का सामना आतंकियों से हो गया और मुठभेड़ शुरू हो गई.
#IndianArmy and #Whiteknight Corps salutes the bravery and supreme sacrifice of four soldiers in #Surankote on 21 Dec 23 while fighting the scourge of terrorism@adgpi @NorthernComd_IA
— White Knight Corps (@Whiteknight_IA) December 22, 2023
पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट ने ली जिम्मेदारी
अधिकारियों ने बताया कि सैन्यकर्मियों को एक घेराबंदी और तलाशी अभियान स्थल पर ले जा रहे वाहनों पर सुरनकोट थाना के अंतर्गत आने वाले ढेरा की गली और बुफलियाज के बीच धत्यार मोड़ पर हमला किया गया. पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) की शाखा पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट (पीएएफएफ) ने घात लगाकर किए गए इस हमले की जिम्मेदारी ली है.
बुधवार रात से चलाया जा रहा सर्च ऑपरेशन
जम्मू में रक्षा विभाग के जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल सुनील बर्तवाल ने बताया कि आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में ‘पुख्ता खुफिया जानकारी' के आधार पर पुंछ जिले के ढेरा की गली इलाके में बुधवार रात एक संयुक्त तलाशी अभियान चलाया गया. अधिकारियों ने बताया कि ये जवान घटनास्थल की ओर बढ़ रहे थे, तभी आतंकवादियों ने दो वाहनों (एक ट्रक और एक जिप्सी) पर गोलीबारी कर दी.
जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुए हमले...
इस हमले से कुछ ही सप्ताह पहले पास के राजौरी जिले में बाजीमाल वन क्षेत्र के धर्मसाल बेल्ट में गोलीबारी के दौरान दो कैप्टन सहित पांच सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे. राजौरी जिले में सुरक्षा बलों के साथ नवंबर में इस मुठभेड़ में अफगानिस्तान में प्रशिक्षित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के शीर्ष कमांडर क्वारी समेत दो आतंकवादी मारे गये थे. राजौरी और पुंछ जिलों की सीमा पर स्थित ढेरा की गली और बुफलियाज के बीच का इलाका घने जंगलों वाला है और यह चमरेर जंगल और फिर भाटा धुरियन जंगल की ओर जाता है, जहां इस साल 20 अप्रैल को सेना के एक वाहन पर घात लगाकर किए गए हमले में पांच सैनिक शहीद हो गए थे.
इसके बाद मई में आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान चमरेर जंगल में सेना के पांच और जवान शहीद हो गए थे और मेजर रैंक का एक अधिकारी घायल हो गया था। इस अभियान में एक विदेशी आतंकवादी भी मारा गया था. राजौरी, पुंछ और रियासी जिलों में इस साल मुठभेड़ों में अब तक 19 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए हैं और 28 आतंकवादी मारे गए हैं. इन मुठभेड़ों में कुल 54 लोग मारे गए हैं.
इससे पहले अक्टूबर 2021 में वन क्षेत्र में आतंकवादियों के दो अलग-अलग हमलों में नौ सैनिक शहीद हो गए थे। चमरेर में 11 अक्टूबर को एक जूनियर कमीशंड अधिकारी (जेसीओ) सहित पांच सैन्यकर्मी शहीद हुए थे, जबकि 14 अक्टूबर को एक निकटवर्ती जंगल में एक जेसीओ और तीन सैनिकों ने जान गंवाई थी.
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