असम में उग्रवादी हिंसा में मरने वालों की संख्या 29 हो चुकी है, जिसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। बक्सा में मारे गए लोगों के रिश्तेदारों ने शवों का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया है। उनकी मांग है कि जब तक राज्य के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई उनसे मिलने नहीं आएंगे, वे अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।
पुलिस ने अब तक 30 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें मानस नेशनल पार्क का एक फॉरेस्ट रेंजर और कुछ दूसरे कर्मचारी भी हैं। आरोप है कि इन लोगों की मदद से ही उग्रवादी गांव में घुसे। कोकराझार, चिरांग और बक्सा में कर्फ्यू लागू है। बक्सा में उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश हैं। रात से हिंसा की कोई ताजा खबर नहीं है।
असम में हिंसा पर राजनीतिक आरोप−प्रत्यारोप का दौर भी जारी है। विपक्ष मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के इस्तीफे की मांग कर रहा है। वहीं, मुख्यमंत्री ने इस्तीफा देने से इनकार करते हुए हिंसा की जांच एनआईए से कराने की मांग की है।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने असम में 'कायरतापूर्ण' उग्रवादी हमले की निंदा की है और वहां शांति बहाली के लिए सभी उपायों का वादा किया। केंद्र ने हिंसा प्रभावित राज्य के लिए अतिरिक्त बल मुहैया कराया है।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि स्थिति पर करीबी नजर रख रहे प्रधानमंत्री ने गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे और असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई से बात की और उन्हें अशांत क्षेत्रों में सामान्य स्थिति बहाली के लिए तत्काल कदम उठाने का निर्देश दिया।
बैठक के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि राज्य को सुरक्षा बलों की 20 कंपनियां (करीब दो हजार कर्मी) मुहैया करा दिए गए हैं तथा कोबरा कंपनियों सहित अतिरिक्त कंपनियों को जरूरत के मुताबिक उपलब्ध कराया जाएगा। पीएमओ ने कहा कि सेना के नौ कॉलम तैनात किए गए हैं और गश्त जारी है। प्रभावितों के लिए राहत शिविर स्थापित किए जा रहे हैं।
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