पटना:
बिहार के बहुचर्चित लक्ष्मणपुर बाथे गांव में 58 लोगों की हत्या के मामले में निचली अदालत द्वारा सजा सुनाए गए सभी 26 अभियुक्तों को बुधवार को पटना उच्च न्यायालय ने बरी कर दिया।
निचली अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए पटना उच्च न्यायालय में दायर याचिका की सुनवाई के बाद न्यायाधीश बीएन सिन्हा और एके लाल की खंडपीठ ने साक्ष्य के अभाव में सभी 26 अभियुक्तों को बरी कर दिया।
पटना की व्यवहार न्यायालय के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश विजय प्रकाश मिश्र ने इस मामले में वर्ष 2010 में 26 लोगों को दोषी ठहराते हुए 16 को फांसी तथा 10 को उम्र कैद की सजा सुनाई थी तथा 19 लोगों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया था। इस मामले में दो आरोपियों की मामले की सुनवाई के दौरान ही मौत हो गई थी।
उल्लेखनीय है कि प्रतिबंधित संगठन रणवीर सेना के लोगों ने एक दिसंबर 1997 को लक्ष्मणपुर बाथे गांव में 58 दलितों की हत्या कर दी थी। मरने वालों में 27 औरतें और 16 बच्चे शामिल थे।
निचली अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए पटना उच्च न्यायालय में दायर याचिका की सुनवाई के बाद न्यायाधीश बीएन सिन्हा और एके लाल की खंडपीठ ने साक्ष्य के अभाव में सभी 26 अभियुक्तों को बरी कर दिया।
पटना की व्यवहार न्यायालय के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश विजय प्रकाश मिश्र ने इस मामले में वर्ष 2010 में 26 लोगों को दोषी ठहराते हुए 16 को फांसी तथा 10 को उम्र कैद की सजा सुनाई थी तथा 19 लोगों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया था। इस मामले में दो आरोपियों की मामले की सुनवाई के दौरान ही मौत हो गई थी।
उल्लेखनीय है कि प्रतिबंधित संगठन रणवीर सेना के लोगों ने एक दिसंबर 1997 को लक्ष्मणपुर बाथे गांव में 58 दलितों की हत्या कर दी थी। मरने वालों में 27 औरतें और 16 बच्चे शामिल थे।
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