वर्ल्ड ट्रेड सेंटर इस आतंकी हमले के बाद पूरी तरह से बर्बाद हो गया था
नई दिल्ली:
अमेरिका में हुए 9/11 आतंकी हमले की आज 22वीं बरसी है. इम आतंकी हमले ने अमेरिका ही नहीं, पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया था. साल 2001 में हुए इस आतंकी हमले में आतंकवादियों ने अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर की आइकॉनिक इमारत 'वर्ल्ड ट्रेड सेंटर' को निशाना बनाया था. इस हमले से दुनिया के अन्य देश भी सहम गए थे. 11 सितंबर को हुआ आतंकी अटैक, अमेरिकी की धरती पर 1941 में पर्ल हार्बर बमबारी के बाद सबसे घातक हमला था, जिसके बाद अमेरिका द्वितीय विश्व युद्ध में उतरने को मजबूर हो गया था.
- 11 सितंबर 2001 को सबकुछ सामान्य चल रहा था. किसी ने सोचा भी नहीं था कि अमेरिका पर इतना बड़ा आतंकी हमला होगा. आतंकियों ने न्यूयॉर्क शहर के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, वाशिंगटन डीसी के पेंटागन और पेंसिल्वेनिया में विमान को क्रैश कराया. इस आतंकी हमले में करीब 3000 लोगों की जान गई थी और हजारों लोग घायल हुए थे.
- इस पूरी साजिश को आतंकी संगठन अल-कायदा ने अंजाम दिया था. 11 सितंबर 2001 की सुबह 19 अल-कायदा के आतंकियों ने अमेरिका के चार पैसेंजर विमानों को हाईजैक कर लिया था.
- आतंकियों ने विमानों का नियंत्रण अपने हाथ में लेने के बाद सुबह 8 से 9 बजे के बीच उनमें से दो को मैनहट्टन में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर कॉम्प्लेक्स के ट्विन टावर्स (उत्तर और दक्षिण टावर्स) की ऊपरी मंजिलों पर क्रैश कर दिया. दो घंटे के भीतर दोनों 110 मंजिला टावरों को ढहा दिया गया.
- ट्विन टावर्स का मलबा वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की अन्य इमारतों पर गिरा. इसकी वजह से वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के सात टावर, जिसमें एक 47 मंजिला इमारत भी शामिल थी, जमींदोज हो गईं.
- आतंकवादियों ने हाईजैक किया गया तीसरा विमान अमेरिका रक्षा विभाग के मुख्यालय वर्जिनिया स्थित पेंटागन में क्रैश कराया.
- हाईजैक किये गए चौथे विमान के यात्रियों ने आतंकियों से लड़ना शुरू कर दिया था. ऐसे में आतंकियों ने इस विमान को पेंसिल्वेनिया के एक खुले मैदान में क्रैश करा दिया था.
- इस आतंकी हमले में 93 देशों के कुल 2,977 लोगों की जान गई थी. 2753 लोगों की न्यूयॉर्क में मौत हुई थी. 184 लोग पेंटागन में मारे गए थे. वहीं, 40 लोगों की मौत फ्लाइट 93 में हुई थी.
- 9/11 अतांकी हमला हुआ भले ही अमेरिका में था, लेकिन इसका असर पूरी दुनिया पर देखने को मिला. अमेरिका के साथ-साथ दुनियाभर की अर्थव्यवस्था पर भी इसका प्रभाव देखने को मिला.
- वर्ल्ड ट्रेड सेंटर इस आतंकी हमले के बाद पूरी तरह से बर्बाद हो गया था. लगभग 9 महीने का समय यहां से सिर्फ मलबा हटाने में लग गया. पेंटागन की इमारत को एक साल के अंदर रिपेयर कर लिया गया.
- वर्ल्ड ट्रेड सेंटर को फिर से खड़ा करने का काम साल 2006 में शुरू हुआ और साल 2014 में इस आम जनता के लिए खोल दिया गया. आज भी इस हमले से जुड़ी कई यादें लोगों के ज़ेहन में ताजा हैं.