फाइल फोटो
लीबिया:
लीबिया में अगवा हुए चार भारतीय नागरिकों में दो को रिहा करा लिया गया है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने खुद ने यह ट्वीट कर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि लक्ष्मीकांत और विजय कुमार को सुरक्षित ढंग से रिहा करा लिया गया है और अन्य दो की रिहाई की भी कोशिश की जा रही है।
विदेश मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक, इन भारतीयों को लीबिया के सिरते शहर से अगवा किया गया, जहां वे एक यूनिवर्सिटी में पढ़ाने का काम किया करते थे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के मुताबिक, 'दो दिन पहले 29 जुलाई को रात के करीब 11 बजे त्रिपोली में हमारे दूतावास को पता चला कि त्रिपोली और ट्यूनिश के रास्ते भारत लौट रहे चार भारतीय नागरिकों को सिर्ते से करीब 50 किलोमीटर दूर एक जांच चौकी पर हिरासत में ले लिया गया। चार भारतीय नागरिकों में से दो हैदराबाद के रहने वाले हैं, एक रायचूर का जबकि एक अन्य बेंगलुरु का है। उनमें से तीन सिर्ते विश्वविद्यालय में शिक्षक हैं और एक सिर्ते विश्वविद्यालय के जुफरा शाखा में काम करता है।'
प्रवक्ता ने कहा कि मंत्रालय संबंधित परिवारों से नियमित रूप से संपर्क में था और भारतीय नागरिकों की कुशलता और उनकी जल्द रिहाई सुनिश्चित करने के लिए सभी कोशिशें की जा रही हैं।
आईएसआईएस अक्सर विदेशी नागरिकों को अगवा करता है, जिसका मुख्य मकसद फिरौती मांगना होता है, लेकिन विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, इस मामले में अभी तक किसी तरह की कोई मांग सामने नहीं आई है।
बता दें कि इस्लामिक स्टेट ने इराक़ और सीरिया के कई इलाकों के बड़े हिस्सों पर कब्ज़ा जमा रखा है और 2014 में इस संगठन ने औपचारिक रूप से अपने कब्ज़े वाले इलाक़े को 'ख़िलाफ़त' यानी इस्लामिक या शरिया कानून के तहत चलने वाले राज्य के रूप में घोषित कर दिया है। अब तक इराक़ से 39 भारतीय लापता हैं।
Four Indians abducted in Libya - I am happy we have been able to secure the release of Lakshmikant and Vijay Kumar. Trying for other two.
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) July 31, 2015
विदेश मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक, इन भारतीयों को लीबिया के सिरते शहर से अगवा किया गया, जहां वे एक यूनिवर्सिटी में पढ़ाने का काम किया करते थे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के मुताबिक, 'दो दिन पहले 29 जुलाई को रात के करीब 11 बजे त्रिपोली में हमारे दूतावास को पता चला कि त्रिपोली और ट्यूनिश के रास्ते भारत लौट रहे चार भारतीय नागरिकों को सिर्ते से करीब 50 किलोमीटर दूर एक जांच चौकी पर हिरासत में ले लिया गया। चार भारतीय नागरिकों में से दो हैदराबाद के रहने वाले हैं, एक रायचूर का जबकि एक अन्य बेंगलुरु का है। उनमें से तीन सिर्ते विश्वविद्यालय में शिक्षक हैं और एक सिर्ते विश्वविद्यालय के जुफरा शाखा में काम करता है।'
प्रवक्ता ने कहा कि मंत्रालय संबंधित परिवारों से नियमित रूप से संपर्क में था और भारतीय नागरिकों की कुशलता और उनकी जल्द रिहाई सुनिश्चित करने के लिए सभी कोशिशें की जा रही हैं।
आईएसआईएस अक्सर विदेशी नागरिकों को अगवा करता है, जिसका मुख्य मकसद फिरौती मांगना होता है, लेकिन विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, इस मामले में अभी तक किसी तरह की कोई मांग सामने नहीं आई है।
बता दें कि इस्लामिक स्टेट ने इराक़ और सीरिया के कई इलाकों के बड़े हिस्सों पर कब्ज़ा जमा रखा है और 2014 में इस संगठन ने औपचारिक रूप से अपने कब्ज़े वाले इलाक़े को 'ख़िलाफ़त' यानी इस्लामिक या शरिया कानून के तहत चलने वाले राज्य के रूप में घोषित कर दिया है। अब तक इराक़ से 39 भारतीय लापता हैं।
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