"1962 अब और नहीं ..." : चीन के साथ सीमा संघर्ष पर बोले अरुणाचल के मुख्यमंत्री

अरुणाचल के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने आज कहा कि अगर कोई अतिक्रमण करने की कोशिश करता है तो भारतीय सेना मुंहतोड़ जवाब देगी.

नई दिल्ली:

अरुणाचल के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने आज कहा कि अगर कोई अतिक्रमण करने की कोशिश करता है तो भारतीय सेना मुंहतोड़ जवाब देगी. अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई झड़प के कुछ ही दिन बाद उनकी यह टिप्पणी सामने आयी है. उन्होने कहा कि "यांग्त्से मेरे विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है और हर साल मैं क्षेत्र के जवानों और ग्रामीणों से मिलता हूं. यह अब 1962 नहीं है. अगर कोई उल्लंघन करने की कोशिश करता है, तो हमारे बहादुर सैनिक करारा जवाब देंगे.

इधर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि 09 दिसंबर 2022 को PLA गुट ने तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में LAC पर अतिक्रमण कर यथास्थिति को एकतरफा बदलने का प्रयास किया. चीन के इस प्रयास का हमारी सेना ने दृढ़ता के साथ सामना किया. इस झड़प में हाथापाई हुई. भारतीय सेना ने बहादुरी से PLA को हमारे क्षेत्र में अतिक्रमण करने से रोका और उन्हें वापस जाने के लिए मजबूर कर दिया. इस झड़प में दोनों ओर के कुछ सैनिकों को चोटें आईं. मैं इस सदन को यह बताना चाहता हूं कि हमारे किसी भी सैनिक की मृत्यु नहीं हुई है और न ही कोई गंभीर रूप से घायल हुआ है. भारतीय सैन्य कमांडरों के समय पर हस्तक्षेप के कारण PLA सैनिक अपने स्थानों पर वापस चले गए.  

वहीं  केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को दावा किया कि जब तक केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार सत्तासीन है, कोई भारत की एक इंच भूमि पर भी कब्ज़ा नहीं कर सकता.संसद भवन के बाहर पत्रकारों को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री ने यह भी कहा कि कांग्रेस ने सीमा पर झड़प का मुद्दा इसलिए उठाया है, क्योंकि वह राजीव गांधी फाउंडेशन (RGF) के विदेशी योगदान (नियमन) एक्ट (FCRA) रद्दीकरण पर सवालों से बचना चाहती है. उन्होंने आरोप लगाया कि राजीव गांधी फाउंडेशन को चीनी दूतावास से 1.35 करोड़ रुपये मिले हैं. इसके बाद RGF का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया, क्योंकि यह FCRA नियमों के अनुकूल नहीं था. 

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