फाइल फोटो
नई दिल्ली:
जबलपुर के किसान रामेश्वर लोढ़ी की दलहन की फसल में कीड़े लग गए हैं। इलाके में कम बारिश होने की वजह से इलाके में इस बार गर्मी ज़्यादा हुई और कीड़ों ने काफी फसल बर्बाद कर दी। रामेश्वर लोढ़ी कहते हैं, "इस फसल में काफी कीड़े पड़ चुके हैं। अब इससे ज़्यादा कुछ निकलने वाला नहीं है। बारिश कम होने से काफी नुकसान हुआ है।"
रामेश्वर लोढ़ी अकेले नहीं हैं। मौसम विभाग के मुताबिक इस सीज़न में पूर्वी मध्य प्रदेश में औसत से 24% कम बारिश हुई है और इसका असर अब जबलपुर और दूसरे इलाकों में ज़मीन पर साफ तौर पर दिखने लगा है। इलाके के किसान बदहाल और परेशान हैं। मौसम विभाग के ताजा आंकड़ों के मुताबिक कमज़ोर मॉनसून की वजह से देश के 15 राज्यों और इलाक़ों में सूखे के आसार बढ़ते जा रहे हैं और हालात संभलने की उम्मीद हर दिन घटती जा रही है।
दरअसल, मॉनसून के वापस लौटने के साथ ही अब बड़ी तस्वीर अब साफ होती जा रही है। मौसम विभाग की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक देश में 15 ऐसे राज्य या क्षेत्र हैं जहां इस सीज़न में -20% या कम बारिश हुई है। एक हफ्ते में मॉनसून की कमी झेल राज्यों की सूची में हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा भी शामिल हो चुके हैं।
सबसे कम बारिश -52% मराठवाड़ा में हुई है। मध्य महाराष्ट्र में -43% जबकि कृषि के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण पूर्वी उत्तर प्रदेश में 39% और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में -37% की कमी दर्ज़ की गयी है। कमज़ोर मॉनसून का असर देश के हर महत्वपूर्ण हिस्से में दिख रहा है। उत्तरी कर्नाटक में मॉनसून की कमी- 42% है, पंजाब में- 37%, गुजरात क्षेत्र में- 29%, बिहार में- 22%, पूर्वी मध्य प्रदेश में- 24%, केरल में- 32% और तेलंगाना में- 27% दर्ज़ की गयी है।
मौसम विभाग का कहना है कि महाराष्ट्र के मराठवाड़ा और मध्य महाराष्ट्र के साथ-साथ उत्तरी भारत में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और गुजरात में कमी की भरपाई की संभावना अब काफी कम है। बी.पी. यादव, डायरेक्टर, मौसम भवन कहते हैं कि 'हमने अगस्त-सितंबर में -16% की कमी का प्रोजेक्शन किया था और बारिश अब तक उसी के मुताबिक हुई है। यानी हालात खराब हैं और मॉनसून की कमी वाले इलाकों में सूखे के खतरे से निपटने के लिए सरकार को बड़े स्तर पर पहल करने की तैयारी अभी से शुरू करनी होगी।'
रामेश्वर लोढ़ी अकेले नहीं हैं। मौसम विभाग के मुताबिक इस सीज़न में पूर्वी मध्य प्रदेश में औसत से 24% कम बारिश हुई है और इसका असर अब जबलपुर और दूसरे इलाकों में ज़मीन पर साफ तौर पर दिखने लगा है। इलाके के किसान बदहाल और परेशान हैं। मौसम विभाग के ताजा आंकड़ों के मुताबिक कमज़ोर मॉनसून की वजह से देश के 15 राज्यों और इलाक़ों में सूखे के आसार बढ़ते जा रहे हैं और हालात संभलने की उम्मीद हर दिन घटती जा रही है।
दरअसल, मॉनसून के वापस लौटने के साथ ही अब बड़ी तस्वीर अब साफ होती जा रही है। मौसम विभाग की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक देश में 15 ऐसे राज्य या क्षेत्र हैं जहां इस सीज़न में -20% या कम बारिश हुई है। एक हफ्ते में मॉनसून की कमी झेल राज्यों की सूची में हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा भी शामिल हो चुके हैं।
सबसे कम बारिश -52% मराठवाड़ा में हुई है। मध्य महाराष्ट्र में -43% जबकि कृषि के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण पूर्वी उत्तर प्रदेश में 39% और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में -37% की कमी दर्ज़ की गयी है। कमज़ोर मॉनसून का असर देश के हर महत्वपूर्ण हिस्से में दिख रहा है। उत्तरी कर्नाटक में मॉनसून की कमी- 42% है, पंजाब में- 37%, गुजरात क्षेत्र में- 29%, बिहार में- 22%, पूर्वी मध्य प्रदेश में- 24%, केरल में- 32% और तेलंगाना में- 27% दर्ज़ की गयी है।
मौसम विभाग का कहना है कि महाराष्ट्र के मराठवाड़ा और मध्य महाराष्ट्र के साथ-साथ उत्तरी भारत में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और गुजरात में कमी की भरपाई की संभावना अब काफी कम है। बी.पी. यादव, डायरेक्टर, मौसम भवन कहते हैं कि 'हमने अगस्त-सितंबर में -16% की कमी का प्रोजेक्शन किया था और बारिश अब तक उसी के मुताबिक हुई है। यानी हालात खराब हैं और मॉनसून की कमी वाले इलाकों में सूखे के खतरे से निपटने के लिए सरकार को बड़े स्तर पर पहल करने की तैयारी अभी से शुरू करनी होगी।'
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