बर्फबारी और ओलावृष्टि के चलते हिमाचल प्रदेश में 121 सड़कें बंद, पानी और बिजली सप्लाई प्रभावित

फरवरी माह में हिमाचल प्रदेश में लगातार असामान्य तापमान, मौसम विभाग ने महीने के अंत तक मौसम सामान्य होने की भविष्यवाणी की

बर्फबारी और ओलावृष्टि के चलते हिमाचल प्रदेश में 121 सड़कें बंद, पानी और बिजली सप्लाई प्रभावित

प्रतीकात्मक फोटो.

नई दिल्ली :

हिमाचल प्रदेश में हाल ही में हुई बर्फबारी के कारण कई रास्ते बंद हो गए हैं. लाहुल-स्पीति, कुल्लू, शिमला, किन्नौर और चंबा जिलों की ऊंची पहाड़ियों पर बर्फबारी के कारण 121 सड़कों पर वाहनों का आवागमन बंद हो गया है. बर्फबारी के कारण 113 जलापूर्ति परियोजनाओं और बिजली परियोजनाओं में पानी की आपूर्ति बाधित हुई है. डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार राज्य के 166 सप्लाई स्टेशनों में भी आपूर्ति बाधित हुई है.

इससे पहले मंगलवार को तापमान में गिरावट के साथ हिल रिजॉर्ट शिमला में ओलावृष्टि और बारिश हुई थी. फरवरी में हिमाचल प्रदेश में लगातार असामान्य तापमान के बाद मौसम कार्यालय ने इस महीने के अंत तक मौसम सामान्य होने की भविष्यवाणी की है. अगले कुछ दिनों में अधिकतम तापमान में गिरावट आएगी.

सोमवार को भारत मौसम विज्ञान विभाग के एक वैज्ञानिक सुरेंद्र पॉल ने एएनआई से कहा था कि, एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ के कारण, पहाड़ी राज्य में अधिकतम तापमान में गिरावट के लिए स्थितियां फिर से अनुकूल हो गई हैं और इस महीने के अंत में इसका अनुभव किया जाएगा. 

आईएमडी के वैज्ञानिक ने कहा, ''वहां (हिमाचल) का न्यूनतम तापमान सामान्य से 5.4 डिग्री सेल्सियस अधिक और अधिकतम तापमान सामान्य से करीब 6.2 डिग्री सेल्सियस ज्यादा है.''

इससे पहले शनिवार को राज्य की राजधानी शिमला में 14.4 डिग्री सेल्सियस तापमान था. यह अब तक का सबसे ज्यादा न्यूनतम तापमान रिकॉर्ड किया गया था. पिछले कुछ दिनों से पहाड़ों सहित पूरे उत्तर भारतीय क्षेत्र में तापमान बढ़ रहा है.

आईएमडी हिमाचल प्रदेश के प्रमुख सुरेंद्र पॉल ने कहा, "राज्य में न्यूनतम और अधिकतम तापमान दोनों वर्तमान में सामान्य से 4 से 5 डिग्री अधिक है. कुछ क्षेत्रों में तापमान सामान्य से 8 से 10 डिग्री अधिक है."

हिमाचल के शिमला और उसके आसपास के क्षेत्रों में मंगलवार को दोपहर में ओलावृष्टि हुई थी. इस दौरान दृश्यता घटने से वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई थी. क्षेत्र में सड़कों एवं मकानों की छतों पर ओले जमा हो गए. रास्तों पर ओलों के कारण फिसलन बढ़ गई एवं वाहन चलाना खतरनाक हो गया. आसमान में काले बादल छा गए एवं बर्फीली हवा चली. गरज के साथ बौछारों और ओलावृष्टि के कारण तापमान घट गया. राज्य में ओलावृष्टि से किसानों की परेशानियां बढ़ गई हैं जो समय से पहले फलों के पेड़ों पर पुष्पन से चिंतित थे. 

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इस बीच मंगलवार को राज्य के ऊंचाई वाले क्षेत्रों एवं आदिवासी क्षेत्रों में फिर बर्फबारी हुई. कोकसार में 17 सेंटीमीटर , गोंडला में 12 सेंटीमीटर, कुकुमसेरी में नौ सेंटीमीटर, किलोंग में छह सेंटीमीटर, कुफरी में दो सेंटीमीटर बर्फबारी हुई. निचले और मध्य पहाड़ों के कुछ हिस्सों में वर्षा हुई. शिमला में सबसे अधिक 19 मिलीमीटर वर्षा हुई जबकि मनाली में 14 मिलीमीटर, हमीरपुर में छह मिलीमीटर, भरमौर और कोठी में पांच -पांच मिलीमीटर, नरकांडा में चार मिलीमीटर और सलोनी में एक मिलीमीटर वर्षा हुई.