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This Article is From Apr 08, 2022

राशन की दुकानों से 100 फीसदी पोषणयुक्त चावल वितरित किया जाएगा, केंद्रीय कैबिनेट ने किया फैसला

Cabinet Decision : केंद्रीय कैबिनेट ने तय किया है कि नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट (खाद्य सुरक्षा कानून) सहित दूसरी कल्याणकारी योजनाओं के तहत जो चावल वितरित किया जाता है उसे 100% माइक्रोन्यूट्रिएंट्स से Fortify किया जाएगा

राशन की दुकानों से 100 फीसदी पोषणयुक्त चावल वितरित किया जाएगा, केंद्रीय कैबिनेट ने किया फैसला
PDS के जरिये ये चावल (Fortified Rice) लक्षित आबादी के बीच वितरित किया जाएगा
नई दिल्ली:

Cabinet Decision 8th April April 2022 : राशन की दुकानों से 100 फीसदी पोषणयुक्त चावल (fortified rice) बांटा जाएगा. केंद्रीय कैबिनेट ने शुक्रवार को इस कार्यक्रम को मंजूरी दी है. आर्थिक मामलों की केंद्रीय कैबिनेट ने तय किया है कि नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट (खाद्य सुरक्षा कानून) सहित दूसरी कल्याणकारी योजनाओं के तहत जो चावल वितरित किया जाता है उसे 100% माइक्रोन्यूट्रिएंट्स से Fortify किया जाएगा प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त 2021 को ऐलान किया था की सरकारी योजनाओं के तहत जो चावल मिलता है उसे 2024 तक 100% fortify किया जाएगा. सभी प्रकार के पोषक तत्वों से युक्त इस चावल से निर्धन महिलाओं में विशेषकर कुपोषण और एनीमिया की समस्या से निपटने में मदद मिलेगी. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने ये जानकारी दी. उन्होंने यह भी बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को ऐहतियात बरतने की सलाह दी है. 180 करोड़ डोज़ दिए जा चुके हैं. 96% से अधिक ऐसे हैं जिन्हें पहला डोज़ मिल चुका है. 

इस स्कीम के तहत चावल को पोषणयुक्त बनाने में हर साल करीब 2700 करोड़ रुपये सालाना खर्च आएगा. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि इस कार्यक्रम से महिलाओं, बच्चों और गर्भवती महिलाओं को जरूरी पोषकतत्व मिल पाएंगे और तमाम गंभीर बीमारियों से इनको बचाया जा सकेगा. एफसीआई और राज्यों की खरीद एजेंसियां पहले ही 88.65 लाख मीट्रिक टन फोर्टिफाइड राइस की खरीद आपूर्ति और वितरण के लिए कर चुकी हैं. इंटीग्रेटेड चाइल्ड डेवेलपमेंट सर्विस, प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण-पीएम पोषण, मिड डे मील स्कीम और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत इस चावल का वितरण किया जाएगा. इसका पूरा खर्च फूड सब्सिडी (food subsidy) के तहत केंद्र सरकार वहन करेगी.

 इससे पहले पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम के तहत  इसे तीन साल के लिए पायलट परियोजना के तौर पर चलाया जाएगा. इसके तहत 11 राज्यों में 1-1 जिलों में पोषणयुक्त चावल का वितरण किया गया था. इसके साथ ही कैबिनेट ने बिना संचालन वाली कोयला खदानों को बिना जुर्माने के वापस देने का एक मौका सरकारी कंपनियों को दिया है. इसके बाद सरकारी उपक्रमों के पास मौजूद कई कोयला खदानों को नीलामी के तहत आवंटित किया जाएगा. 

केंद्रीय कैबिनेट ने अटल इनोवेशन मिशन की अवधि भी बढ़ा दी है. इसके तहत 10 हजार अटल टिंकरिंग लैब्स, 101 अटल इनक्यूबेशन सेंटर्स, 50 अटल कम्यूनिटी इनोवेशन सेंटर्स स्थापित किए जाएंगे. 

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