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आतंकवाद निरोधक कानून के तहत होगा प्रतिबंधित.
गृह मंत्रालय इसके लिए मसौदा कैबिनेट नोट तैयार कर रहा है.
संगठन पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप है.
एक सरकारी सूत्र ने बताया कि इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) को गैर कानूनी गतिविधियां निवारण कानून के तहत 'गैर कानूनी संगठन' घोषित किया जाएगा, क्योंकि गृह मंत्रालय की जांच में पाया गया कि अंतरराष्ट्रीय इस्लामिक चैनल पीस टीवी के साथ यह संदिग्ध रूप से जुड़ा हुआ है और इस पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप है.
मसौदा नोट के मुताबिक आईआरएफ प्रमुख नाईक ने कथित तौर पर कई भड़काउ भाषण दिए और आतंकवादी दुष्प्रचार में शामिल रहे. यह नोट महाराष्ट्र पुलिस से प्राप्त जानकारी पर भी आधारित है.
महाराष्ट्र पुलिस ने भी युवकों को कट्टर बनाने और उन्हें आतंकवादी गतिविधियों के प्रति आकर्षित करने को लेकर नाईक के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किए हैं.
सूत्रों ने दावा किया कि नाईक ने 'आपत्तिजनक' कार्यक्रम बनाने के लिए आईआरएफ के विदेशी धन को पीस टीवी में स्थानांतरित किया. अधिकतर कार्यक्रम भारत में बनाए गए, जिनमें नाईक के कथित नफरत वाले बयान थे, जिसने पीस टीवी पर कथित तौर पर 'सभी मुस्लिमों से अपील की कि आतंकवादी बनें'. नाईक द्वारा संचालित दो शैक्षणिक ट्रस्ट भी गृह मंत्रालय की नजर में आए हैं और उनकी गतिविधियों पर एजेंसियों की नजर है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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