वाई एस जगनमोहन रेड्डी का फाइल फोटो...
अमरावती:
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू और नेता प्रतिपक्ष वाई एस जगनमोहन रेड्डी ने अपनी तीखी राजनीतिक लड़ाई में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी शामिल करते हुए उन्हें काले धन के मुद्दे पर अलग-अलग पत्र लिखा. जगन ने ऐसे समय में प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है जब चंद्रबाबू ने अप्रत्यक्ष तौर पर यह जताने की कोशिश की कि वाईएसआर कांग्रेस के नेता ने आय घोषणा योजना (आईडीएस) के तहत 10,000 करोड़ रुपये की आय घोषित की है.
चंद्रबाबू ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर मांग की कि केंद्र सरकार समानांतर अर्थव्यवस्था के प्रसार पर लगाम लगाने के लिए 500 रुपये और 1000 रुपये के नोटों का इस्तेमाल बंद कराए. दूसरी ओर, जगन ने मांग की कि 'आईडीएस-2016 की पूरी सूची' प्रकाशित की जाए और मुख्यमंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की गहन जांच कराई जाए.
मुख्यमंत्री ने अप्रत्यक्ष तौर पर वाईएसआर कांग्रेस के अध्यक्ष जगन की ओर इशारा करते हुए कल कहा था, 'देश भर में घोषित 65,000 करोड़ रुपये में से 13,000 करोड़ रुपये हैदराबाद में घोषित किए गए और इसमें से 10,000 करोड़ रुपये एक ही शख्स ने घोषित किए'. उन्होंने कहा, 'वह कौन है, कानून के मुताबिक हम नहीं जान सकते. क्या किसी कारोबारी के लिए इतने पैसे घोषित करना संभव है'. इसके अलावा, कुछ मंत्रियों और तेलुगु देशम पार्टी के विधायकों ने सीधे तौर पर जगन का नाम ऐसे शख्स के तौर पर लिया, जिन्होंने 10,000 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की है.
वाईएसआर कांग्रेस ने इस आरोप को पुरजोर तरीके से खारिज किया है. वाईएसआर कांग्रेस प्रमुख ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा है, 'ऐसा कैसे है कि सिर्फ चंद्रबाबू नायडू को ही इस सूचना के बारे में पता है? यदि यह सच है तो घोषित व्यक्ति को चंद्रबाबू नायडू का 'बेनामी' होना चाहिए था. वरना, उन्हें रकम के बारे में इतना साफ-साफ कैसे पता होता?' नेता प्रतिपक्ष ने कहा, 'यदि यह सूचना सही है तो हमें और आंध्र प्रदेश के लोगों को इस सूचना के बारे में पता होना चाहिए. लिहाजा, हम आपके दफ्तर से अनुरोध करते हैं कि कृपया हमें बताएं, क्योंकि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि नायडू के नेतृत्व वाले आंध्र प्रदेश को एनसीएईआर (नेशनल काउंसिल फॉर अप्लाइड इकनॉमिक रिसर्च) द्वारा हाल ही में देश का सबसे भ्रष्ट राज्य घोषित किया गया है'.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
चंद्रबाबू ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर मांग की कि केंद्र सरकार समानांतर अर्थव्यवस्था के प्रसार पर लगाम लगाने के लिए 500 रुपये और 1000 रुपये के नोटों का इस्तेमाल बंद कराए. दूसरी ओर, जगन ने मांग की कि 'आईडीएस-2016 की पूरी सूची' प्रकाशित की जाए और मुख्यमंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की गहन जांच कराई जाए.
मुख्यमंत्री ने अप्रत्यक्ष तौर पर वाईएसआर कांग्रेस के अध्यक्ष जगन की ओर इशारा करते हुए कल कहा था, 'देश भर में घोषित 65,000 करोड़ रुपये में से 13,000 करोड़ रुपये हैदराबाद में घोषित किए गए और इसमें से 10,000 करोड़ रुपये एक ही शख्स ने घोषित किए'. उन्होंने कहा, 'वह कौन है, कानून के मुताबिक हम नहीं जान सकते. क्या किसी कारोबारी के लिए इतने पैसे घोषित करना संभव है'. इसके अलावा, कुछ मंत्रियों और तेलुगु देशम पार्टी के विधायकों ने सीधे तौर पर जगन का नाम ऐसे शख्स के तौर पर लिया, जिन्होंने 10,000 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की है.
वाईएसआर कांग्रेस ने इस आरोप को पुरजोर तरीके से खारिज किया है. वाईएसआर कांग्रेस प्रमुख ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा है, 'ऐसा कैसे है कि सिर्फ चंद्रबाबू नायडू को ही इस सूचना के बारे में पता है? यदि यह सच है तो घोषित व्यक्ति को चंद्रबाबू नायडू का 'बेनामी' होना चाहिए था. वरना, उन्हें रकम के बारे में इतना साफ-साफ कैसे पता होता?' नेता प्रतिपक्ष ने कहा, 'यदि यह सूचना सही है तो हमें और आंध्र प्रदेश के लोगों को इस सूचना के बारे में पता होना चाहिए. लिहाजा, हम आपके दफ्तर से अनुरोध करते हैं कि कृपया हमें बताएं, क्योंकि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि नायडू के नेतृत्व वाले आंध्र प्रदेश को एनसीएईआर (नेशनल काउंसिल फॉर अप्लाइड इकनॉमिक रिसर्च) द्वारा हाल ही में देश का सबसे भ्रष्ट राज्य घोषित किया गया है'.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
आंध्र प्रदेश, एन चंद्रबाबू नायडू, वाई एस जगनमोहन रेड्डी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, काला धन, हैदराबाद, Andhra Pradesh, N Chandrababu Naidu, Y S Jaganmohan Reddy, PM Narendra Modi, Black Money, Hyderabad