मशहूर क्रिकेटर परवेज रसूल (बाएं) के साथ नईम भट (फाइल फोटो)।
हंदवाड़ा:
युवा क्रिकेटर नईम भट का रूम ट्रॉफियों और मेडल्स से भरा हुआ है। दो दिन पहल यह युवा क्रिकेटर कश्मीर के हंदवाड़ा के अपने दो मंजिला घर से आखिरी बार निकला था। 19 साल का यह क्रिकेटर जब जा रहा था तब नाराज भीड़ आर्मी पोस्ट पर पथराव कर रही थी। यह भीड़ एक सैनिक की ओर से एक स्कूली छात्रा के साथ कथित छेड़छाड़ के विरोध में प्रदर्शन कर रही थी। बताया जाता है कि नईम इस दौरान अपने सेल फोन से घटना के फोटो लेने लगा। स्थानीय समाचार एजेंसी के लिए काम करने वाला नईम का भाई जब घायलों की रिपोर्टिंग कर रहा था तभी उसे फोन के जरिये सूचना मिली कि उसके भाई को गोली लगी है।
नईम कश्मीर जिमखाना क्लब में शीर्ष क्रम के बल्लेबाज के तौर पर ट्रेनिंग ले रहा था। उसके साथी बताते हैं कि नईम को 'हंदवाड़ा का सचिन तेंदुलकर' कहकर बुलाने में जरा भी अतिश्योक्ति नहीं है। 'इमर्जिंग प्लेयर ऑफ द ईयर', 'मैन ऑफ द सीरीज' के रूप में उसके नाम के साथ जुड़ी ट्राफियां बताती है कि उसे उम्मीदों से भरपूर करियर छोटा बनकर रह गया। गुरुवार की सुबह, नईम केअंतिम संस्कार के बाद उसके दोस्तों के एक ग्रुप ने कमरे में जाकर उससे जुड़ी यादों को ताजा किया।
'कल्पना नहीं कर पा रहा, नईम अब नहीं है'
नईम की टीम के कप्तान मंसूर ने कहा, 'मैं कल्पना नहीं कर पा रहा हूं कि नईम अब यहां नहीं है। वह मेरे क्लब के लिए पांच साल तक खेला। वह मेरे साथ पारी की शुरुआत करता था। यह हम सभी के लिए बेहद मुश्किल वक्त है।' कक्षा आठ की पढ़ाई के दौरान नई को क्रिकेट क्लब में लाने वाले एक अन्य साथी ने रुंधे गले से कहा, 'ऐसा लग रहा है, मैंने सब कुछ गंवा दिया है।'
अंडर-19 के कैंप में ले चुका है हिस्सा
तीन साल पहले नईम ने नेशनल अंडर-19 कैंप में शिरकत की थी। जम्मू-कश्मीर के आतंकवाद से बुरी तरह प्रभावित क्षेत्र कुपवाड़ा से चुना गया वह पहला क्रिकेटर था। नईम की मौत के बाद सोशल मीडिया पर शेयर की गईं कई तस्वीरों में से एक में वह मैच से पहले एक पुलिस अधिकारी को बधाई देता दिख रहा है। एक अन्य फोटो में वह अपने आदर्श परवेज रसूल के साथ है। जम्मू-कश्मीर के ही परवेज रसूल इस समय आईपीएल में खेल रहे हैं। उन्होंने दो साल पहले बांग्लादेश के खिलाफ अपने इंटरनेशनल करियर का आगाज किया था।
नईम कश्मीर जिमखाना क्लब में शीर्ष क्रम के बल्लेबाज के तौर पर ट्रेनिंग ले रहा था। उसके साथी बताते हैं कि नईम को 'हंदवाड़ा का सचिन तेंदुलकर' कहकर बुलाने में जरा भी अतिश्योक्ति नहीं है। 'इमर्जिंग प्लेयर ऑफ द ईयर', 'मैन ऑफ द सीरीज' के रूप में उसके नाम के साथ जुड़ी ट्राफियां बताती है कि उसे उम्मीदों से भरपूर करियर छोटा बनकर रह गया। गुरुवार की सुबह, नईम केअंतिम संस्कार के बाद उसके दोस्तों के एक ग्रुप ने कमरे में जाकर उससे जुड़ी यादों को ताजा किया।
'कल्पना नहीं कर पा रहा, नईम अब नहीं है'
नईम की टीम के कप्तान मंसूर ने कहा, 'मैं कल्पना नहीं कर पा रहा हूं कि नईम अब यहां नहीं है। वह मेरे क्लब के लिए पांच साल तक खेला। वह मेरे साथ पारी की शुरुआत करता था। यह हम सभी के लिए बेहद मुश्किल वक्त है।' कक्षा आठ की पढ़ाई के दौरान नई को क्रिकेट क्लब में लाने वाले एक अन्य साथी ने रुंधे गले से कहा, 'ऐसा लग रहा है, मैंने सब कुछ गंवा दिया है।'
अंडर-19 के कैंप में ले चुका है हिस्सा
तीन साल पहले नईम ने नेशनल अंडर-19 कैंप में शिरकत की थी। जम्मू-कश्मीर के आतंकवाद से बुरी तरह प्रभावित क्षेत्र कुपवाड़ा से चुना गया वह पहला क्रिकेटर था। नईम की मौत के बाद सोशल मीडिया पर शेयर की गईं कई तस्वीरों में से एक में वह मैच से पहले एक पुलिस अधिकारी को बधाई देता दिख रहा है। एक अन्य फोटो में वह अपने आदर्श परवेज रसूल के साथ है। जम्मू-कश्मीर के ही परवेज रसूल इस समय आईपीएल में खेल रहे हैं। उन्होंने दो साल पहले बांग्लादेश के खिलाफ अपने इंटरनेशनल करियर का आगाज किया था।
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