एनडीटीवी-लॉरियाल्स वुमेन ऑफ वर्थ अवॉर्ड में सोमवार शाम बॉलीवुड अभिनेत्री कैटरीना कैफ ने 'ज्ञान को ताकत का स्रोत' बताया।
कैटरीना ने कहा, 'जिनता ज्यादा आप जानते हैं उतने ही ज्यादा ताकतवर होते हैं। शिक्षा और ज्ञान से ही हमें ताकत मिलती है। लैंगिक समानता की ओर लोगों की सोच को बदलने में शिक्षा अहम भूमिका निभा सकती है।' कैटरीना को यहां शिक्षा पर अवॉर्ड देने के लिए बुलाया गया था, जिसका नाम 'इन ए क्लास ऑफ देयर ओन' रखा गया था।
कैटरीना ने इस शिक्षा की कैटेगरी में दिए जाने वाले अवॉर्ड को खुद से भी जोड़ा। उन्होंने कहा, 'मेरी मां ने बच्चों को पढ़ाने के लिए के लिए एक चैरिटेबल ट्रस्ट में काम किया है। मैं जानती हूं कि उनके इस काम को कभी वह मान्यता व सम्मान नहीं मिला जो मिलना चाहिए था।'
उन्होंने आगे कहा, 'इस क्षेत्र में काम करने वाले लोग ऐसी दुनिया को प्यार लौटा रहे हैं, जहां डर प्यार से ज्यादा बड़ा है।' यह अवॉर्ड सफीना हुसैन को दिया गया, जो 'ऐजुकेट गर्ल्स' नाम के एक एनजीओ की संस्थापक और सीईओ हैं। सफीना ने इस एनजीओ की स्थापना साल 2007 में की थी। यह एनजीओ देश में लैंगिग असमानता की जड़ को खत्म करने के लिए काम कर रहा है। एनजीओ ज्यादा से ज्यादा लड़कियों को स्कूलों में दाखिला दिलाने, स्कूलों के बुनियादी ढांचे में सुधार और ड्रॉप आउट की समस्या को रोकने करने के लिए काम करता है।
सफीना से जब पूछा गया कि आखिर उन्होंने इस क्षेत्र में काम करने के बारे में क्यों सोचा तो उन्होंने कहा, 'भारत में सबसे ज्यादा बालिका बधु हैं। यहां लड़कियों की शिक्षा के लिए कोई मापक समाधान की कमी थी।' उन्होंने कहा, ऐसी परिस्थितियों में सोच में बदलाव की बेहद जरूरत थी और इसके लिए मापक भी जरूरी था।
सफीना हुसैन उन 8 महिलाओं में से एक हैं, जिन्हें सोमवार रात एनडीटीवी-लॉरियाल्स वुमेन ऑफ वर्थ के अवॉर्ड से नवाजा गया।
अन्य महिलाएं जिन्हें एनडीटीवी-लॉरियाल्स वुमेन ऑफ वर्थ के अवॉर्ड से नवाजा गया उनमें साहित्य की श्रेणी में श्रीमोयी पियू कुंडू, उद्यमशीलता के लिए वाणी कोला, इन्नोवेशन के लिए ललिता प्रसिदा श्रीपद श्रीसाई, कला के लिए नेहा कृपाल, खेल के लिए पी. बसुमतारी, पर्यावरण के लिए अजैता शाह और समाजिक कार्यों के लिए सुपर्णा गुप्ता का नाम है।
कैटरीना ने कहा, 'जिनता ज्यादा आप जानते हैं उतने ही ज्यादा ताकतवर होते हैं। शिक्षा और ज्ञान से ही हमें ताकत मिलती है। लैंगिक समानता की ओर लोगों की सोच को बदलने में शिक्षा अहम भूमिका निभा सकती है।' कैटरीना को यहां शिक्षा पर अवॉर्ड देने के लिए बुलाया गया था, जिसका नाम 'इन ए क्लास ऑफ देयर ओन' रखा गया था।
कैटरीना ने इस शिक्षा की कैटेगरी में दिए जाने वाले अवॉर्ड को खुद से भी जोड़ा। उन्होंने कहा, 'मेरी मां ने बच्चों को पढ़ाने के लिए के लिए एक चैरिटेबल ट्रस्ट में काम किया है। मैं जानती हूं कि उनके इस काम को कभी वह मान्यता व सम्मान नहीं मिला जो मिलना चाहिए था।'
उन्होंने आगे कहा, 'इस क्षेत्र में काम करने वाले लोग ऐसी दुनिया को प्यार लौटा रहे हैं, जहां डर प्यार से ज्यादा बड़ा है।' यह अवॉर्ड सफीना हुसैन को दिया गया, जो 'ऐजुकेट गर्ल्स' नाम के एक एनजीओ की संस्थापक और सीईओ हैं। सफीना ने इस एनजीओ की स्थापना साल 2007 में की थी। यह एनजीओ देश में लैंगिग असमानता की जड़ को खत्म करने के लिए काम कर रहा है। एनजीओ ज्यादा से ज्यादा लड़कियों को स्कूलों में दाखिला दिलाने, स्कूलों के बुनियादी ढांचे में सुधार और ड्रॉप आउट की समस्या को रोकने करने के लिए काम करता है।
सफीना से जब पूछा गया कि आखिर उन्होंने इस क्षेत्र में काम करने के बारे में क्यों सोचा तो उन्होंने कहा, 'भारत में सबसे ज्यादा बालिका बधु हैं। यहां लड़कियों की शिक्षा के लिए कोई मापक समाधान की कमी थी।' उन्होंने कहा, ऐसी परिस्थितियों में सोच में बदलाव की बेहद जरूरत थी और इसके लिए मापक भी जरूरी था।
सफीना हुसैन उन 8 महिलाओं में से एक हैं, जिन्हें सोमवार रात एनडीटीवी-लॉरियाल्स वुमेन ऑफ वर्थ के अवॉर्ड से नवाजा गया।
अन्य महिलाएं जिन्हें एनडीटीवी-लॉरियाल्स वुमेन ऑफ वर्थ के अवॉर्ड से नवाजा गया उनमें साहित्य की श्रेणी में श्रीमोयी पियू कुंडू, उद्यमशीलता के लिए वाणी कोला, इन्नोवेशन के लिए ललिता प्रसिदा श्रीपद श्रीसाई, कला के लिए नेहा कृपाल, खेल के लिए पी. बसुमतारी, पर्यावरण के लिए अजैता शाह और समाजिक कार्यों के लिए सुपर्णा गुप्ता का नाम है।
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