प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को यस बैंक धन शोधन मामले में कॉक्स एंड किंग्स समूह के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) और आंतरिक ऑडिटर को गिरफ्तार किया. एजेंसी ने कहा कि पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी अनिल खंडेलवाल और आंतरिक लेखा परीक्षक नरेश जैन को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधान के तहत गिरफ्तार किया गया. एक बयान में कहा गया कि दोनों आरोपियों को एक स्थानीय अदालत के समक्ष पेश किया गया, जहां से उन्हें सात दिन के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया.
ईडी ने इससे पहले जून में मुंबई में कंपनी के दोनों पूर्व अधिकारियों के घर पर छापे मारे थे. ये छापे ईडी ने कंपनी द्वारा यस बैंक से लिए गए कर्ज के संबंध में मारे गए थे. केंद्रीय जांच एजेंसी ने कहा कि उसकी जांच में पाया गया कि यस बैंक का कॉक्स एंड किंग्स ग्रुप ऑफ कंपनीज (सीकेजी) पर कुल 3,642 करोड़ रुपये बकाया था. जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि दोनों अधिकारियों ने कॉक्स एंड किंग्स समूह से निकाले गए धन से विभिन्न अचल संपत्तियां खरीदीं. ईडी ने जांच में बताया कि यस बैंक से ऋण की मंजूरी तत्कालीन सीएमडी राणा कपूर ने दी थी और यह कर्ज मानदंडों को दरकिनार करके दिया गया था. इससे पहले ईडी ने मनी लांड्रिंग जांच के सिलसिले में कपूर का लंदन स्थित 127 करोड़ रुपये का फ्लैट कुर्क कर दिया था.
प्रवर्तन निदेशालय ने सीबीआई की प्राथमिकी को देखने के बाद कपूर, उनके परिवार के अन्य सदस्यों और अन्य के खिलाफ पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया था. सीबीआई की प्राथमिकी में यह आरोप लगाया गया था कि यस बैंक ने नियमों का उल्लंघन कर करोड़ों रुपये के संदिग्ध कर्ज विभिन्न इकाइयों को दिये और बदले में कथित रूप से कपूर परिवार को रिश्वत दी गई.
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