यह ख़बर 09 दिसंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

येदियुरप्पा ने की केजीपी की औपचारिक शुरुआत, हवेरी में शक्ति प्रदर्शन

खास बातें

  • कर्नाटक की राजनीति में एक नए अध्याय की शुरुआत करते हुए बीएस येदियुरप्पा ने औपचारिक रूप से अपनी पार्टी कर्नाटक जनता पार्टी (केजेपी) का उद्घाटन किया और हवेरी में आयोजित विशाल रैली में बतौर अध्यक्ष इसकी कमान संभाल ली।
हवेरी (कर्नाटक):

कर्नाटक की राजनीति में एक नए अध्याय की शुरुआत करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने औपचारिक रूप से अपनी पार्टी कर्नाटक जनता पार्टी (केजेपी) का उद्घाटन किया और हवेरी में आयोजित विशाल रैली में बतौर अध्यक्ष इसकी कमान संभाल ली।

प्रदेश में बीजेपी सरकार के लिए एक संभावित खतरे के संकेत के रूप में सत्तारूढ़ पार्टी के कम से कम 10 विधायकों ने इस रैली में हिस्सेदारी की। हालांकि पार्टी ने विधायकों तथा अन्य नेताओं को इससे दूर रहने की चेतावनी दी थी।

उद्घाटन से पूर्व येदियुरप्पा ने चाय-नाश्ते का आयोजन किया था, जिसमें कम से कम 21 बीजेपी विधायकों, सात पार्षदों तथा चार लोकसभा सदस्यों ने हिस्सेदारी की। पार्टी की स्थापना से पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार ने शनिवार को सख्ती बरतते हुए सहकारिता मंत्री बीजे पुट्टास्वामी को कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया, जो येदियुरप्पा के वफादार समझे जाते हैं।

बीजेपी ने उनके एक अन्य प्रमुख समर्थक और तुमकुर से सांसद जीबी बासवराज को पार्टी से निलंबित कर दिया। दोनों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। रैली से पूर्व संवाददाताओं से बातचीत में येदियुरप्पा ने बीजेपी नेतृत्व को विधानसभा भंग करने और जनता का सामना करने की चुनौती दी। येदियुरप्पा ने कहा कि बीजेपी को यह समझना चाहिए कि शेट्टार सरकार उनके वफादारों के बल पर टिकी है।

येदियुरप्पा ने कहा, यदि वे (बीजेपी) चाहते हैं कि यह सरकार चलती रहे, जो कि केजेपी-बीजेपी गठबंधन से अधिक कुछ नहीं है, तो उन्हें मेरे समर्थकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने से बचना चाहिए। इससे एक दिन पूर्व 23 विधायकों तथा सात मंत्रियों ने उनके द्वारा बेलगाम में आयोजित सुबह के नाश्ते पर बैठक में हिस्सा लिया था, जो कद्दावर लिंगायत नेता के प्रति उनकी एकजुटता को प्रदर्शित करता है।

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गौरतलब है कि येदियुरप्पा ने 30 नवंबर को बीजेपी से अपना 40 साल पुराना नाता तोड़ लिया था। बीजेपी द्वारा विधायकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई किए जाने से पांच माह पुरानी शेट्टार सरकार को अपने अस्तित्व के लिए गंभीर खतरे का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि अगले मई में विधानसभा चुनाव होने हैं। 224-सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी के 118 सदस्य हैं, जबकि कांग्रेस के 71 और जनता दल (एस) के 26 विधायक हैं। सदन में सात निर्दलीय तथा दो पद रिक्त हैं।