जयंत सिन्हा ने रामगढ़ मामले में पुलिस की जांच पर भी सवाल उठाए हैं
नई दिल्ली:
झारखंड में लोगों की पीट-पीटकर हत्या करने के दोषियों को माला पहनाने को लेकर निशाने पर आए केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा की शनिवार को उनके पिता यशवंत सिन्हा ने आलोचना की. यशवंत सिन्हा ने कहा कि पहले वह ‘लायक’ बेटे के ‘नालायक’ बाप थे लेकिन अब स्थिति उलट गई है. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह अपने पुत्र की करतूत को सही नहीं ठहराते. उन्होंने हाल में भाजपा से इस्तीफा दे दिया था. सिन्हा ने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘पहले मैं लायक बेटे का नालायक बाप था. अब भूमिका बदल गई है. यह ट्विटर है. मैं अपने बेटे की करतूत को सही नहीं ठहराता. लेकिन मैं जानता हूं कि इससे और गाली - गलौज होगी. आप कभी नहीं जीत सकते.’’
इससे पहले रामगढ़ में एक व्यापारी की पीट-पीटकर हत्या के दोषियों को माला पहनाते अपनी तस्वीर वायरल होने के बाद आलोचनाओं से घिरे केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने शनिवार को सफाई दी. जयंत सिन्हा ने सफाई देते हुए कहा कि आरोपियों की याचिका पर रांची हाईकोर्ट ने उनकी सजा को निलंबित कर दिया है और सभी आरोपियों को जमानत पर छोड़ दिया है. इस मामले में हाईकोर्ट मामले की दोबारा से सुनवाई करेगा. केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि मुझे हमारी न्यायपालिका और कानून पर पूरा विश्वास है. उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यवश मेरे कार्यों के बारे में गैर जिम्मेदार बयान दिए जा रहे हैं जबकि मैं जो कुछ भी कर रहा हूं वह कानून की उचित प्रक्रिया का सम्मान है. जो निर्दोष हैं उन्हें बचाया जाएगा और दोषी को उचित रूप से दंडित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि मैंने पहले ही अपना पक्ष स्पष्ट कर दिया है. दोषियों को सजा मिलनी चाहिए. मैं जनता का प्रतिनिधि और एक मंत्री हूं. मैंने कानून की रक्षा की शपथ ली है. किसी को भी कानून हाथ में लेने का अधिकार नहीं है.
शुक्रवार को जयंत सिन्हा ने रामगढ़ मामले में पुलिस की जांच पर सवाल उठाते हुए इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी. मार्च में एक स्थानीय अदालत ने एक बीजेपी नेता समेत 11 लोगों को उम्रक़ैद की सज़ा सुनाई थी. पिछले साल 55 साल का अलीमुद्दीन को बीफ़ ले जाने के शक में पीट-पीटकर मार डाला गया था.
VIDEO: नए विवाद में घिरे जयंत सिन्हा
गौरतलब है कि मीट कारोबारी की हत्या और उसके बाद से इस पूरे मामले को राजनीतिक रूप देने की कोशिश की जा रही है. यही वजह है कि बीजेपी के नेताओं ने इन आरोपियों का शुरू से ही समर्थन किया है. कुछ महीने पहले बीजेपी के पूर्व विधायक शंकर चौधरी इन आरोपियों को छोड़ने के लिए 15 दिनों तक धरने पर बैठे थे. 2 जुलाई को जब नित्यानंद ज़मानत पर जेल से बाहर आया तो उसे लेने शंकर चौधरी खुद गए, नित्यानंद रामगढ़ बीजेपी का ज़िलाध्यक्ष है. इस पूरे मामले के सामने आने के बाद विपक्षी पार्टियों ने जयंत सिन्हा को निशाने पर लिया. इस मामले में यूथ कांग्रेस ने भी जंयत सिन्हा पर हमला किया. यूथ कांग्रेस ने एक ट्वीट कर कहा कि देश के 10 राज्यों में शक के आधार पर अभी तक 27 लोगों की हत्या की जा चुकी है और जयंत सिन्हा ऐसा करने वाले आरोपियो के स्वागत में लगे हैं.
Earlier I was the Nalayak Baap of a Layak Beta. Now the roles are reversed. That is twitter. I do not approve of my son's action. But I know even this will lead to further abuse. You can never win.
— Yashwant Sinha (@YashwantSinha) July 7, 2018
इससे पहले रामगढ़ में एक व्यापारी की पीट-पीटकर हत्या के दोषियों को माला पहनाते अपनी तस्वीर वायरल होने के बाद आलोचनाओं से घिरे केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने शनिवार को सफाई दी. जयंत सिन्हा ने सफाई देते हुए कहा कि आरोपियों की याचिका पर रांची हाईकोर्ट ने उनकी सजा को निलंबित कर दिया है और सभी आरोपियों को जमानत पर छोड़ दिया है. इस मामले में हाईकोर्ट मामले की दोबारा से सुनवाई करेगा. केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि मुझे हमारी न्यायपालिका और कानून पर पूरा विश्वास है. उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यवश मेरे कार्यों के बारे में गैर जिम्मेदार बयान दिए जा रहे हैं जबकि मैं जो कुछ भी कर रहा हूं वह कानून की उचित प्रक्रिया का सम्मान है. जो निर्दोष हैं उन्हें बचाया जाएगा और दोषी को उचित रूप से दंडित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि मैंने पहले ही अपना पक्ष स्पष्ट कर दिया है. दोषियों को सजा मिलनी चाहिए. मैं जनता का प्रतिनिधि और एक मंत्री हूं. मैंने कानून की रक्षा की शपथ ली है. किसी को भी कानून हाथ में लेने का अधिकार नहीं है.
शुक्रवार को जयंत सिन्हा ने रामगढ़ मामले में पुलिस की जांच पर सवाल उठाते हुए इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी. मार्च में एक स्थानीय अदालत ने एक बीजेपी नेता समेत 11 लोगों को उम्रक़ैद की सज़ा सुनाई थी. पिछले साल 55 साल का अलीमुद्दीन को बीफ़ ले जाने के शक में पीट-पीटकर मार डाला गया था.
VIDEO: नए विवाद में घिरे जयंत सिन्हा
गौरतलब है कि मीट कारोबारी की हत्या और उसके बाद से इस पूरे मामले को राजनीतिक रूप देने की कोशिश की जा रही है. यही वजह है कि बीजेपी के नेताओं ने इन आरोपियों का शुरू से ही समर्थन किया है. कुछ महीने पहले बीजेपी के पूर्व विधायक शंकर चौधरी इन आरोपियों को छोड़ने के लिए 15 दिनों तक धरने पर बैठे थे. 2 जुलाई को जब नित्यानंद ज़मानत पर जेल से बाहर आया तो उसे लेने शंकर चौधरी खुद गए, नित्यानंद रामगढ़ बीजेपी का ज़िलाध्यक्ष है. इस पूरे मामले के सामने आने के बाद विपक्षी पार्टियों ने जयंत सिन्हा को निशाने पर लिया. इस मामले में यूथ कांग्रेस ने भी जंयत सिन्हा पर हमला किया. यूथ कांग्रेस ने एक ट्वीट कर कहा कि देश के 10 राज्यों में शक के आधार पर अभी तक 27 लोगों की हत्या की जा चुकी है और जयंत सिन्हा ऐसा करने वाले आरोपियो के स्वागत में लगे हैं.
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